नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी से अलग रह रही उनकी पत्नी हसीन जहां की घरेलू हिंसा वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के अलीपुर के सेशंस कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो मोहम्मद शमी की ओर से दायर की गई रिवीजन याचिका का एक महीने में निपटारा करें। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
हसीन जहां की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनकी याचिका पर करीब चार सालों से सुनवाई नहीं हुई है। 29 अगस्त 2019 को अलीपुर की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मोहम्मद शमी के खिलाफ वारंट जारी किया था। इस आदेश को मोहम्मद शमी ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। नौ सितंबर 2019 को सेशंस कोर्ट ने मोहम्मद शमी के खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगाने के साथ ही ट्रायल पर रोक लगा दिया था।
सेशंस कोर्ट के आदेश को हसीन जहां ने कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 28 मार्च 2023 को हसीन जहां की याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट की ओर से याचिका खारिज होने के बाद हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि किसी सेलिब्रिटी को विशेष तरजीह नहीं दी जानी चाहिए।