नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में कथित दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर धन शौधन शिकायत को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने फैसला सुनाया कि इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रथम दृष्टया अधिनियम के तहत उल्लिखित कोई अपराध मौजूद नहीं है।
ईडी ने आयकर विभाग द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर अनिल टुटेजा (आईएएस), यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ धन शोधन जांच शुरू की।
इसमें छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले टुटेजा को कथित शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया था।
इसके अलावा, केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि रायपुर के मेयर अजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर “सरगना” था, जो टुटेजा के निर्देशों के अनुसार सिंडिकेट चलाता था।
ईडी ने आरोप लगाया था कि एक आपराधिक सिंडिकेट – जिसमें उच्च-स्तरीय राज्य सरकार के अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनेता शामिल हैं – छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था, जो सरकारी विभागों पर नियंत्रण करके अवैध रिश्वत वसूली में शामिल था।
एजेंसी ने मामले में 121.87 करोड़ रुपये की 119 अचल संपत्तियां जब्त की हैं, जिसमें टुटेजा की 8.83 करोड़ रुपये की 14 संपत्तियां भी शामिल हैं।