नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा दी गई मौखिक दलीलें सुनीं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू कर रहे थे।
पीठ में न्यायमूर्ति पंकज मिथल भी शामिल थे। उन्होंने संकेत दिया कि वह जैन के मामले और अन्य सह-अभियुक्तों द्वारा दायर याचिका पर एक ही समय में फैसला सुनाएगी।
जैन फिलहाल अंतरिम मेडिकल जमानत पर बाहर हैं। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में शुरू में उन्हें छह सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी थी और फिर समय-समय पर इसे बढ़ाती रही है।
आप नेता ने उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जमानत की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
अप्रैल 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैन की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि आवेदक प्रभावशाली व्यक्ति है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।