नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई एक सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें याचिकाकर्ता और जजों के बीच तीखी बहस हुई। जजों ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वे जज के नाम का इस्तेमाल न करें, और जब याचिकाकर्ता ने जजों की बात नहीं मानी, तो जजों ने सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर उन्हें कोर्टरूम से बाहर निकालने का आदेश दिया।
इस दौरान, याचिकाकर्ता हुबलीकर ने आरोप लगाया कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और उन्होंने न्याय की मांग की। लेकिन जजों ने कहा कि उनकी याचिकाओं में कोई सच्चाई नहीं है और उन्हें खारिज करने का इरादा जताया। याचिकाकर्ता ने जजों के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप जजों ने उन्हें कोर्ट से बाहर निकालने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बुलाने का निर्णय लिया।
वहीं, दूसरी तरफ दलीलों से सहमत न होते हुए पीठ ने याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि उनके मामले में कुछ भी नहीं है. हालांकि, मामले पर बहस कर रहे हुबलीकर ने जोर देकर कहा कि अदालत उनके अनुरोध पर सुनवाई करे. इस दौरान हुबलीकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाते रहे. यह सुनकर जजों की पीठ ने टिप्पणी की, “हम जुर्माना लगाने जा रहे हैं. आप न्यायाधीश का नाम मत लीजिए. आपके मामले में कुछ भी नहीं है.”
याचिकाकर्ता ने कहा- ये मेरे साथ अन्याय
जजों की इन बातों को सुनकर हुबलीकर ने कहा, “कुछ भी नहीं? यह कैसे कहा जा सकता है? यह मेरे साथ अन्याय है. कम से कम मुझे अपनी मृत्यु से पहले न्याय तो मिलना चाहिए. इस पर अदालत ने याचिका खारिज करने के अपने इरादे को दोहराया. इसके बाद जजों ने कहा, “क्षमा करें, हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते. आपकी सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं.”
जज के माफी मांगने पर भी उठा दिया सवाल
याचिका खारिज होने की बात सुनते ही हुबलीकर ने कहा, “आप कैसे माफी मांग सकते हैं? इस अदालत ने मेरा जीवन दुखी कर दिया है.” इस बात को सुनकर न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने हुबलीकर को कोर्टरूम से बाहर निकालने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बुलाया. पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा, “हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर मत करो. अगर अब आप एक भी शब्द बोलते हैं, तो आप बाहर हो जाएंगे.”
हुबलीकर ने व्यवहार में नरमी से भी किया इनकार
हुबलीकर ने जज की इस चेतावनी को भी नजरअंदाज किया और अपने व्यवहार में नरमी से इनकार कर दिया. हुबलीकर ने कहा, “मैडम, आप मेरे खिलाफ अन्याय कर रही हैं. शिकायतकर्ता के खिलाफ नोटिस जारी करने में क्या समस्या है?” ये बात सुनकर जज गुस्से में आ गए और उन्होंने कहा, “सुरक्षाकर्मी, कृपया इन्हें बाहर निकालो.”