नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे विवादित शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक जारी रखते हुए सोमवार को कहा कि वह इस मामले में वह पांच अगस्त से सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि इस मामले पर वह अगस्त में विचार करेगी और तब तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर 2023 के आदेश पर रोक बरकरार रहेगा।
शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कार्रवाई करते हुए 16 जनवरी 2024 को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।
पीठ ने कहा,“अंतरिम आदेश (सर्वेक्षण पर रोक) जारी रहेंगे। इसके साथ ही हम स्पष्ट करते हैं कि हमने उच्च न्यायालय के समक्ष अन्य कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है।”
शीर्ष अदालत ने तब यह भी स्पष्ट किया था कि मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष अन्य कार्यवाही जारी रहेगी।
उच्च न्यायालय ने मौजूदा मामले में 14 दिसंबर 2023 को अदालत की निगरानी में एडवोकेट कमिश्नर की तीन सदस्यीय टीम द्वारा उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के प्राथमिक सर्वेक्षण की अनुमति दी थी। उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का भी निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत पहले से ही अधिकार क्षेत्र के हस्तांतरण से संबंधित मामले पर अलग से विचार कर रही है। उच्च न्यायालय ने 26 मई 2023 को कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह भूमि विवाद से संबंधित लगभग 18 मुकदमों को मथुरा की सिविल अदालतों से स्थानांतरित करके स्वयं सुनवाई करने का निर्णय लिया था।
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने पूरी 13.37 एकड़ भूमि पर स्वामित्व का दावा किया, जिस पर पहले से इमारत स्थित हैं। उन्होंने शाही ईदगाह मस्जिद समिति और श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के बीच 1968 के समझौते को भी चुनौती दी है, जिसने मस्जिद को उस भूमि का उपयोग करने की अनुमति दी थी।