नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है, ”जमानत नियम है और जेल अपवाद।’ ये नियम मनी लॉन्ड्रिंग कानून पर भी लागू होगा। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने झारखंड माइनिंग घोटाला मामले के आरोपित और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी प्रेम प्रकाश को जमानत देते हुए ये टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा है। केवल कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके ही किसी को आजादी से वंचित किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत हिरासत के दौरान कोई आरोपित जांच अधिकारी के सामने कोई अपराध स्वीकार का बयान देता है तो उसे अदालत में सुबूत नहीं माना जाएगा ।
प्रेम प्रकाश को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। अगस्त 2022 में प्रेम प्रकाश के रांची स्थित घर पर मारे गए छापे में दो एके-47 राइफल, 60 जीवित कारतूस और दो मैगजीन बरामद किए गए थे। प्रेम प्रकाश के खिलाफ आर्म्स एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला चल रहा है।