सूरत- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि सूरत एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिल गया है। सूरतियों की बरसों पुरानी मांग आज पूरी हुई है।
श्री मोदी ने गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस हब ‘सूरत डायमंड बोर्स’ (एसडीबी) का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में कहा कि आज सूरत के लोगों को, यहां के व्यापारियों-कारोबारियों को दो और उपहार मिल रहे हैं। आज ही सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का लोकार्पण हुआ है और दूसरा बड़ा काम ये हुआ है कि अब सूरत एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिल गया है। सूरतियों की बरसों पुरानी मांग आज पूरी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे याद है जब मैं पहले यहां आता था तो कभी-कभी लगता था बस स्टेशन ज्यादा अच्छा है कि एयरपोर्ट अच्छा है। बस स्टेशन अच्छा लगता था। ये तो एक झोंपड़ी जैसा था। आज कहां से कहां पहुंच गए, ये सूरत का सामर्थ्य दिखाता है। सूरत से दुबई की फ्लाइट आज से शुरु हो रही है। बहुत जल्द हांगकांग के लिए भी फ्लाइट शुरू होगी। आज गुजरात में अब तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो गए हैं। इससे डायमंड के अलावा, यहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, टूरिज्म इंडस्ट्री, एजुकेशन और स्किल सहित हर सेक्टर को लाभ होगा। मैं इस शानदार टर्मिनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सूरत वासियों को, गुजरात वासियों को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा सूरत ने गुजरात को, देश को बहुत कुछ दिया है, लेकिन सूरत में इससे भी कहीं अधिक सामर्थ्य है। मेरे हिसाब से तो ये शुरुआत है, हमें और आगे बढ़ना है। आप सभी जानते हैं कि बीते 10 वर्षों में भारत 10वें नंबर की आर्थिक ताकत से ऊपर उठकर दुनिया में 5वें नंबर की आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। अब मोदी ने देश को गारंटी दी है कि अपनी तीसरी पारी में भारत, दुनिया की टॉप तीन इकोनॉमी में जरूर शामिल होगा।
सरकार ने आने वाले 25 साल का भी टारगेट तय किया है। पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हो, दस ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हो, हम इन सभी पर काम कर रहे हैं। हम देश के एक्सपोर्ट को भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में सूरत की और विशेषकर सूरत की डायमंड इंडस्ट्री की जिम्मेदारी भी अनेक गुना बढ़ गई है। यहां सूरत के सभी दिग्गज मौजूद हैं। सूरत शहर को भी ये टारगेट तय करना चाहिए कि देश के बढ़ते हुए एक्सपोर्ट में सूरत शहर की भागीदारी और कैसे बढ़े।
ये डायमंड सेक्टर के लिए, जेम्स और जूलरी सेक्टर के लिए चुनौती भी है, अवसर भी है। अभी डायमंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट में भारत बहुत आगे है। सिल्वर कट डायमंड और लैब ग्रोन डायमंड में भी हम अग्रणी हैं। लेकिन अगर पूरे जेम्स-ज्वैलरी सेक्टर की बात करें तो दुनिया के टोटल एक्सपोर्ट में भारत का शेयर सिर्फ साढ़े तीन प्रतिशत है। सूरत अगर ठान ले, तो बहुत ही जल्द हम जेम्स-ज्वैलरी एक्सपोर्ट में डबल डिजिट में आ सकते हैं। और मैं आपको गारंटी देता हूं, आपके हर प्रयास में सरकार आपके साथ खड़ी है।