मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को दावा किया कि पांच साल में दूसरी बार, उन्हें और उनकी विधायक बेटी प्रणीति शिंदे को भाजपा में शामिल होने का ऑफर मिला है।
उन्होंने यह साफ नहीं किया कि भाजपा की ओर से यह ऑफर कब मिला। इस तथ्य के बावजूद उन्हें यह ऑफर मिला है कि वह कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनाव हार चुके हैं।
भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर मुस्कुराते हुए शिंदे ने कहा कि वह अब 83 वर्ष हो गए हैं और वह जीवन भर कांग्रेस के वफादार रहे हैं। इसलिए मेरी बेटी या मेरे द्वारा ऐसे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं है।
मीडियाकर्मियों के पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया कि शिंदे या उनकी बेटी को ऐसी कोई पेशकश की गई है।
भाजपा विधायक नितेश एन. राणे ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि चूंकि शिंदे ने अपनी पार्टी से उम्मीदें खो दी हैं। अब वह अपनी बेटी को भाजपा में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।
सुशील कुमार शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें इन प्रतिक्रियाओं से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन, भाजपा के एक शीर्ष नेता ने हमें शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे हमने सिरे से खारिज कर दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास कोई प्रतिभा नहीं है। वे अन्य दलों के नेताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि शिंदे या उनकी बेटी जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी से नहीं भटकेंगे।
संयोग से, मार्च 2019 में, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, शिंदे ने एक ऐसा ही बयान दिया था, जिसने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी, हालांकि उस समय भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इसे खारिज कर दिया था।