मेरठ। द्वितीय विश्व युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाला टी-55 टैंक क्रांति दिवस 10 मई से मेरठ कॉलेज की शान बनेगा। टी—55 टैंक 10 मई को कॉलेज के मुख्य द्वार पर स्थापित किया जाएगा।
यह टैंक पुणे से मंगाया गया है। कॉलेज के मुख्य द्वार पर लगाया जाने वाला ये टी 55 टैंक छात्र-छात्राओं के साथ ही शहर के लोगों को सेना की वीरता का संदेश देगा। बता दें इससे पहले मेरठ कालेज के डिफेंस स्ट्डीज विभाग के सामने विजयंत टैंक रखा हुआ है। जो भारतीय सेना के शौर्य की कहानी कहता है।
1892 में पश्चिम यूपी का एकमात्र डिग्री कालेज रहे मेरठ कॉलेज में 1939 को डिफेंस स्ट्डीज विभाग की शुरुआत की गई थी। उस समय यहां सेना से संबंधित डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाते थे। सन 1972 में विषयों की शुरुआत हुई और फिर 1982 से पीएचडी होनी लगी। मेरठ कालेज के इस डिफेंस स्ट्डीज विभाग से भारतीय सेना के बड़े अधिकारी पीएचडी कर चुके हैं। सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने भी यहीं से पीएचडी की थी।
डिफेंस स्ट्डीज विभाग का अपना एक वार म्यूजियम है। इसमें छात्रों को सेना और युद्धों के बारे में जानकारी दी जाती है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. हेमंत पांडे के कार्यकाल में कॉलेज को विजयंत टैंक का तोहफा मिला था। अब उन्हीं के कार्यकाल में टी 55 टैंक मिला है। यइ अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है।