Saturday, May 10, 2025

अफगान दूतावास का नियंत्रण चाहता है तालिबान, क्या मोदी सरकार मानेगी मांग?

काबुल। तालिबान ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान के दूतावास का नियंत्रण संभालने के लिए भारत सरकार के साथ चर्चा फिर से शुरू कर दी है। अफगान मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया। अमू टीवी ने विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों को प्रस्तावित राजनयिकों की एक नई सूची सौंपी है, जिसमें दोहा में तालिबान के प्रतिनिधि सुहैल शाहीन के बेटे नजीब शाहीन का नाम भी शामिल है। नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास नवंबर से बंद है। सूत्र के अनुसार, बातचीत का नवीनतम दौर तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी की 8 जनवरी को संयुक्त अरब अमीरात में हुई मुलाकात के बाद शुरू हुआ। बैठक के बाद, तालिबान ने नई दिल्ली को अपने राजनयिक उम्मीदवारों की सूची फिर से सौंपी। कनाडा में अफगानिस्तान के पूर्व राजदूत शिंकाई कारोखैल ने कहा कि भारत इस मामले को सावधानी से देखेगा।

उन्होंने कहा, “भारत तालिबान के अनुरोध को पूरी तरह से खारिज नहीं कर सकता है, लेकिन राजनयिक भूमिकाओं के लिए व्यक्तियों को मंजूरी देने में वह अधिक सावधानी बरतेगा। पाकिस्तान की खुफिया और सेना के साथ तालिबान के घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए, नई दिल्ली इस्लामाबाद के सुरक्षा प्रतिष्ठान से सीधे जुड़े लोगों को नियुक्त करने से बच सकती है।” पिछले महीने यूएई में हुई मिसरी और मुत्ताकी की मुलाकात से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के फिर सक्रिय होने की उम्मीद जगी। इस बैठक के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “अफगानिस्तान की संतुलित और अर्थव्यवस्था-केंद्रित विदेश नीति के अनुरूप, इस्लामिक अमीरात का लक्ष्य एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और आर्थिक भागीदार के रूप में भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है।” अगस्त 2021 में काबुल की सत्ता तालिबान के कब्जे के बाद से भारत-अफगानिस्तान संबंध निष्क्रिय हो गए थे।

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