मुजफ्फरनगर। ऑनलाईन अटेडेंस व डिजिटलाइजेशन का विरोध बढता जा रहा है। शिक्षक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी शिक्षक नेता संजीव बालियान के नेतृत्व में शिक्षकों ने कचहरी में विरोध प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा और प्रदेश सरकार की तानाशाही का विरोध जताते हुए काले कानून को वापस लेने की मांग की। इस काले कानून के विरोध में ही पुरकाजी व बघरा क्षेत्र के शिक्षकों ने अपने सामूहिक त्याग पत्र बीआरसी कार्यालय में जमा कर दिए। इस घटनाक्रम से शिक्षा विभाग में हडकम्प मचा हुआ है।
पुरकाजी क्षेत्र के 22 शिक्षकों व बघरा क्षेत्र के 36 शिक्षकों ने सामूहिक रूप से त्यागपत्र दिया है। ऑनलाईन अटेडेंस व डिजिटलाइजेशन के विरोध में कन्या विद्यालय बरला की सहायक अध्यापिका मनीषा निर्वाल, मांडला से रामकुमार, कैल्लनपुर से विनय कुमार, अब्दुलपुर से विवेक यादव, शेरपुर से मुकेश कुमार, ताजपुर से बालकिशोर, कासमपुर से विनय कुमार भारद्वाज, फलौदा से अंजलि, नूरनगर से बिरजू कुमार, खुड्डा से अश्वनी त्यागी, ताजपुर से सहायक अध्यापक प्रमोद कुमार, तेजलहेडा से प्रदीप कुमार, रेता नंगला से भूपेन्द्र कुमार, धमात से शैलेन्द्र सिंह, तुगलकपुर से दुष्यन्त कुमार शर्मा, छपरा से अजब सिंह, भैंसलीवाला से सुशील कुमार, धुम्मनपुरी से विजयपाल सिंह, शकरपुर से कृष्ण कुमार, छपार से मोतीलाल, भदोला से शुगनचंद समेत पुरकाजी व बघरा ब्लॉक से कुल 58 शिक्षकों ने आज सामूहिक रूप से त्यागपत्र देकर बीआरसी कार्यालय में जमा कराया है।
शिक्षकों ने खण्ड शिक्षाधिकारी पुरकाजी व खण्ड शिक्षाधिकारी बघरा को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे देने की बात से अवगत करा दिया है। शिक्षकों ने एक पत्र लिखकर खण्ड शिक्षाधिकारी से शिक्षक संकुल के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त किये जाने की मांग की है। सहायक अध्यापकों ने बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किये गये इस काले कानून का हर स्तर पर विरोध जताया है। उन्होंने संकुल शिक्षक की बैठक में भरे जाने वाले डीसीई से भी मुक्त रखने की मांग की है। शिक्षक संगठनों ने प्रदेश हाईकमान के निर्देश पर लगातार विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है, जब तक प्रदेश सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे और सामूहिक रूप से दिए जा रहे इस्तीफे भी वापस नहीं लिए जायेंगे।