सहारनपुर। थाना देवबंद पुलिस ने सरकारी विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवको को फर्जी नियक्ति पत्र देकर धोखाधडी से पैसा हड़पने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के एक वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
गौरतलब रहे कि 22 अक्टूबर 23 को अक्षय कुमार पुत्र सुशील कुमार निवासी ग्राम असदपुर करन्जाली थाना देवबन्द ने आरोपी दीपक श्रीवास्तव पुत्र जगदीश शरण समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ कुल 44 लाख 50 हजार रूपये सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसा ठगी करने तथा 12 जनवरी को प्रशान्त कुमार पुत्र मुनेश कुमार निवासी चौरा खुर्द थाना गागलहेड़ी से 20 लाख रूपये ले लेने के संबंध मंे आरोपी दीपक श्रीवास्तव के विरूद्ध थाने पर मुकदमा पंजीकृत कराया था।
ज्ञात हो कि उक्त प्रकरण में 04 अभियुक्त विशाल पुत्र राजकुमार निवासी राजा बाजार शकुन्तला अपार्टमेन्ट नियर प्राचीन हनुमान मंदिर थाना राजाबाजार, जिला पटना (बिहार) हाल पता ए-9 फ्लैट नं.1901 पंचतत्व अपार्टमेन्ट ग्रेटर नोएडा (उप्र), दीपक श्रीवास्तव पुत्र जगदीश शरण निवासी सहाबुद्दीन रोड नया रामपुरी गेट नं. 03 मकान नम्बर 14 जनपद मुजफ्फरनगर, तुषार उपाध्याय पुत्र सुबोध कुमार निवासी म.नं.-100 सैनी नगर खतौली कस्बा व थाना खतौली जनपद मुजफ्फरनगर व सलाउद्दीन पुत्र मंगलुद्दीन निवासी पूर्वी मुस्तफाबाद लोनी देहात थाना लोनी जनपद गाजियाबाद को 15 फरवरी 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
थाना देवबंद प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार के नेतृत्व में थाना देवबन्द व थाना गागलहेड़ी की संयुक्त पुलिस टीम ने सरकारी विभागांे में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगार युवको को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर धोखाधड़ी से पैसा हड़पने वाले अन्तराज्यीय गिरोह के वांछित अभियुक्त सूरज कुमार पुत्र संजय कुमार निवासी ग्राम विधिपुर थाना सालिमपुर जिला पटना (बिहार) को अभियुक्त के घर से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ करने पर अभियुक्त सूरज कुमार ने बताया कि वह नोएडा में रहकर जियो कम्पनी में काम करता है। नोएडा में ही उसे एक अन्य साथी विशाल मिला था। उसने मुझे बताया तुम मुझे अपने खाते के एटीएम दे दो, उसमें मुझे रूपये मंगाने है, वह जल्दी ही काल सैन्टर खोलने वाला है, जिसमें हमारी आपस में पार्टनरशिप रहेगी। जब भी वह अपने खाते का स्टेटमेंट देखकर उससे अपने खाते में हुई बड़ी-बड़ी ट्रांजेक्शन के बारे में पूछता को वह मुझे खर्चे पानी के रूपये दे देता था। जिससे में मौज मस्ती कर लेता था। कई बार कई अनजान लोगो से विशाल में मुझे रूपये रिसीव भी कराये थे। जिनके एवज में वह मुझे कमीशन देता था। हमारे अन्य साथी सुजीत के नाम का जो खाता था उसका एटीएम भी उसका भाई विकास उर्फ आकाश ही प्रयोग करता था, वह ही उससे रूपये निकालता था। कई सारे लोगो के नियुक्ति पत्र विशाल ने मुझे उनके एड्रेस पर पोस्ट करने के लिये भी देता था।