छतरपुर। प्रसिद्ध कथावाचक मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वरधाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को हत्या करने की धमकी देकर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले आरोपित को छतरपुर पुलिस ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। उसने उन्हें ईमेल पर गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के नाम से धमकी देकर दस लाख रुपये मांगे थे।
छतरपुर के पुलिस अधीक्षक सांघी ने बताया कि बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को धमकी देने वाले और फिरौती मांगने वाले आरोपित को बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद ली गई थी, जिसके माध्यम से छतरपुर पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
उन्होंने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 19 अक्टूबर 2023 को बागेश्वरधाम की ईमेल आईडी पर मेल के माध्यम से लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नाम से धमकी दी थी। धमकी देकर एक दिन का समय दिया गया था तथा जान बचाने के लिए आरोपित द्वारा बागेश्वरधाम के महंत पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से 10 लाख रुपये की मांग की गई। इसकी सूचना थाना बमीठा में 20 अक्टूबर को प्राप्त होने पर संवेदनशील होने से तुरंत थाना बमीठा में अज्ञात आरोपित के विरुद्ध धारा 387, 507 भादवि का अज्ञात आरोपित के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने मामले को गंभीरता से लिया और अपनी टीम को अज्ञात बदमाश तक पहुंचने में लगा दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह एवं एसडीओपी खजुराहो सलिल शर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी बमीठा जयवंत ककौड़िया एवं उपनिरी संजय पाण्डेय तथा साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक सिद्धार्थ शर्मा का विशेष जांच दल गठित किया गया एवं राज्यस्तरीय एजेंसीज से अपराध की विवेचना प्रारंभ की गई।
आरोपित के द्वारा कोई उत्तर प्राप्त न होने पर 22 अक्तूबर 2023 को दोबारा धमकी भरा ईमेल किया गया और टाइम खत्म होने की धमकी दी गई। दूसरा मेल आने पर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी द्वारा साइबर सेल के माध्यम से प्रादेशिक नोडल एजेंसी को आवश्यक पत्राचार कर राष्ट्रीय अनुसंधान अभिकरण के माध्यम से छतरपुर पुलिस के इंटरपोल की सहायता से स्विरटजरलैण्ड की एजेसियों से जानकारी प्राप्त कर इंटरनेट व अन्य सबूतों को एक-दूसरे से जोड़कर आरोपित निवासी ग्राम शंकरडीह जिला नालंदा बिहार हाल निवासी कंकरबाग पटना बिहार की पहचान कर एक योग्य एवं अनुभवी पुलिस दल भेजकर आरोपित को हिरासत में लिया गया। घटना में प्रयुक्त मोबाइलों को बरामद कर सुरक्षित किया गया। आरोपित को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ कर मेमोरेण्डम लेख कर जप्ती एवं गिरफ्तारी की कार्यवाही कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध किया गया।