मेरठ। आज स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में चल रहे एक भारत, श्रेष्ठ भारत-भारतीय परंपरा में बुद्ध विषय पर आयोजित त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन एक भारत, श्रेष्ठ भारत पर चर्चा हुई। साथ ही पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल के नेतृत्व में उत्तराखंड के लोकगीतों और लोकनृत्यों का आयोजन हुआ। सत्यजीत रे ऑडिटोरियम में सम्पन्न इस कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिसके बाद विश्वविद्यालय के प्रो-वाईस चांसलर डॉ. हिमांशु ऐरन और सम्राट अशोक स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डॉ. हीरो हितों ने पिलखुआ से पधारे प्रो.सी.पी. शर्मा, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, गौतम बुद्ध नगर के डा. संजय शर्मा, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. वाचस्पति मिश्र और पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल को विश्वविद्यालय के अंगवस्त्र और सम्मान प्रतीक प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने माधुरी बड़थ्वाल की प्रस्तुतियों को सराहा वहीं उनकी परफॉरमेंस के दौरान सारा सभागार तालियों से गूँज उठा।
माधुरी बड़थ्वाल के नेतृत्व में मनुलोक सांस्कृतिक धरोहर संवर्द्धन संस्थान के नंदा शक्ति दल द्वारा उत्तराखंड के लोकगीतों और नृत्यों का प्रदर्शन हुआ। माधुरी बड़थ्वाल ने अपने संबोधन में कहा कि लोकसंगीत के माध्यम से पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। यह लोकसंगीत की शक्ति है। उनके दल ने उत्तराखंड के परम्परागत लोकनृत्य झोड़ा, चौंफला, चांचरी, बाजूबंद आदि गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दी, जिनको दर्शकों ने खूब सराहा।
सांस्कृतिक दल में बीना रावत, वंदना कोटनाला, पुष्पा डुकलान, सुषमा नैथानी, अमिता नौटियाल, रजनी खंतवाल, रोशनी पंवार, हेमा गुसाईं, शशि नेगी, लक्ष्मी मलासी और सुनीता गैरोला थी। धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन ने दिया। इस अवसर पर ललित कला संकाय के डीन डॉ. पिंटू मिश्रा, लॉ कॉलेज के डीन डॉ. वैभव गोयल भारतीय, पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र थलेड़ी समेत डॉ. भावना ग्रोवर, डॉ. मनीषा लूथरा, रामप्रकाश तिवारी समीर सिंह,अनिल फोटोग्राफर आदि उपस्थित रहे।