लखनऊ- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक सीबीआई अदालत ने गुरुवार को एक व्यवसायी की हत्या के मामले में आठ लोगों को आजीवन कारावास और एक एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है।
सीबीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार एक फरवरी 2017 की शाम को तेल कारोबारी श्रवण साहू की दो लोगों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह सआदतगंज इलाके में बड़ा चौराहा पर स्थित अपनी दुकान पर बैठे थे।
श्रवण साहू के पुत्र आयुष की वर्ष 2013 में हत्या कर दी गयी थी जिसके चश्मदीद गवाह श्रवण साहू थे और वह मामले की पैरवी कर रहे थे। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी अकील अंसारी ने पहले मृतक श्रवण साहू से अपने बेटे आयुष साहू की हत्या के मामले को आगे नहीं बढ़ाने के लिए समझौता करने के लिए संपर्क किया था लेकिन मृतक नहीं माना जिसके बाद अकील ने मृतक को धमकी देना शुरू कर दिया।
सीबीआई के अनुसार श्रवण को रास्ते से हटाने के लिए अकील ने मुन्ना बजरंगी गिरोह के शूटरों को उनकी हत्या की सुपारी दी लेकिन वह सफल नहीं हो सका। वर्ष 2016 में दिवाली के बाद अकील ने सत्यम पटेल के इंदिरा नगर स्थित आवास पर अभियुक्त सत्यम पटेल, अमन सिंह, अजय पटेल, रोहित मिश्रा, विवेक वर्मा, बाबू खान एवं फैसल के साथ श्रवण की हत्या की साजिश रची जिसके बाद मृतक के घर और दुकान की रेकी की गई।
उन्होंने बताया कि एक फरवरी 2017 को आरोपी सत्यम पटेल उर्फ रॉकी और अमन सिंह विवेक वर्मा की मोटरसाइकिल से रात करीब आठ बजे मृतक की दुकान पर पहुंचे। सत्यम पटेल उर्फ रॉकी ने दुकान में घुसकर श्रवण पर पांच गोलियां चलाईं। हत्या करने के बाद दोनों आरोपी दिल्ली भाग गये। उनके कपड़े अजय पटेल के घर से बरामद किए गए थे जबकि विवेक वर्मा की निशानदेही पर उक्त मोटरसाइकिल बरामद की गई।
सत्यम पटेल उर्फ रॉकी और अमन सिंह को नौ फरवरी 2017 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 16 फरवरी 2017 को आरोपी सत्यम पटेल के पास से एक रिवाल्वर और पांच खाली कारतूस और एक जिंदा गोली बरामद की गई और मैगजीन में एक पिस्तौल और दो जिंदा गोलियां अमन सिंह से बरामद किया गया।
जांच के बाद, सीबीआई ने नौ मई, 2017 को आरोपी अकील अंसारी, सत्यम पटेल उर्फ रॉकी, अमन सिंह, अजय पटेल, रोहित मिश्रा और विवेक वर्मा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और 30 सितंबर, 2020 को आरोपी बाबू खान और फैसल उर्फ बब्लू के खिलाफ पूरक आरोप पत्र भी दायर किया।
सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार उन्हें आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। इस सनसनीखेज हत्याकांड में सीबीआई ने ठोस सबूत पेश किए और 51 गवाहों के बयान दर्ज किये गये।