मेरठ। बिजनौर बैराज से गंगा में पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ने से हस्तिनापुर क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं खतरे की स्थिति देखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
हस्तिनापुर खादर क्षेत्र के गांव में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। कई गांवों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। गंगा के उफान पर होने के कारण पानी घरों में घुस चुका है। ग्रामीण पानी के बीच ही गुजारा करने को मजबूर हैं। कई गांवों में दिन भर लोग छतों पर खड़े रहकर बाढ़ की स्थिति को देखते रहे। वहीं पानी घरों में होने के कारण जहरीले जीवों के काटने का भी खतरा बढ़ गया है। राशन भीगने के कारण ग्रामीणों को खाने पीने का भी संकट पैदा हो गया है।
एडीएम प्रशासन सूर्यकांत त्रिपाठी, एसडीएम अखिलेश यादव बाढ़ राहत कार्य के लिए गांव पहुंचकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। अधिकारी उन्हें बाहर पहुंचने की अपील कर रहे हैं। वहीं लोगों ने बताया कि लगातार पानी बढ़ने से परेशानियां बढ़ती जा रही है उनके पास खाने-पीने की सामग्री भी पूरी तरह पानी में भीग चुकी है। रहने को सोने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है पानी का बहाव लगातार निचले इलाके के गांव की ओर लगातार चल रहा है।
बाढ़ के पानी से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो रहा है लोग एक दूसरे से संपर्क नहीं कर रहे हैं। गांव के रास्ते शमशान पड़े हुए हैं और अधिकारी लगातार लोगों की मदद के बीए निरीक्षण कर रहे हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं। लतीफपुर किशनपुर आदि गांव में पानी पहुंच चुका है घरों में भी भर गया है।
गुरुवार को क्षेत्र के गांव फतेहपुर प्रेम के समीप से गंगा का कच्चा तटबंध टूट गया था जहां से लगातार निकल रहा पानी अब खादर क्षेत्र में तबाही की कहानी लिख रहा है। पिछले दो दिनों में पानी गांव के चारों और भरा हुआ था लेकिन शनिवार को पानी लोगों के घरों के अंदर पहुंच गया जिससे वह पूरी तरह भयभीत हैं और उनका जीना दुश्वार हो गया है।