कोलकाता। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में 10 अगस्त को कथित तौर पर रैगिंग के कारण एक फ्रेशर की मौत न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि चिंता का एक बड़ा कारण भी है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस मामले पर मेरी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ बातचीत हुई है। हमें यह देखना होगा कि यूजीसी द्वारा निर्धारित एंटी-रैगिंग दिशानिर्देश जेयू में लागू थे या नहीं? मैं पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ भी नियमित रूप से संपर्क में हूं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीनियर छात्रों को रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्रों को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है। जेयू में प्रथम वर्ष के छात्र की मौत उसके परिवार के सदस्यों के लिए एक वास्तविक झटका है। छात्रों को रैगिंग का अधिकार कभी नहीं मिल सकता।
शनिवार को ही जेयू अधिकारियों ने 10 अगस्त को विश्वविद्यालय के छात्र की कथित रैगिंग से संबंधित मौत के संबंध में अपने दूसरे राउंड के स्पष्टीकरण को यूजीसी को भेज दिया। इससे पहले हफ्ते में जेयू अधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर और हॉस्टल में नये छात्रों के साथ रैगिंग और उत्पीड़न को रोकने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा की गई कार्रवाइयों पर यूजीसी को स्पष्टीकरण का पहला राउंड भेजा था।
हालांकि, 17 अगस्त को पहले दौर (राउंड) के स्पष्टीकरण से असंतुष्ट आयोग ने 12 विशिष्ट बिंदुओं पर और स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका जवाब जेयू अधिकारियों ने शनिवार को भेजा था। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार स्नेहोमोनजू बसु ने कहा कि यूजीसी की ओर से 12 अलग-अलग प्रश्नों पर स्पष्टीकरण भेजा गया है, हालांकि इस संबंध में 31 फाइलें हैं।