मुज़फ्फरनगर। तितावी थाना क्षेत्र के काजीखेड़ा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 के छात्र देवांश के साथ कथित धार्मिक दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुस्लिम शिक्षिका फरहाना खातून पर चोटी काटने और तिलक मिटाने के आरोप के बाद अब हिंदूवादी संगठनों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
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इसी क्रम में आज संयुक्त हिंदू मोर्चा के पदाधिकारी पीड़ित छात्र को साथ लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने ADM (न्यायिक) से मुलाकात कर शिकायती पत्र सौंपा। साथ ही शिवसेना महिला मोर्चा की ज़िला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने भी अपनी टीम के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया।
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बताया गया कि छात्र देवांश प्रतिदिन पूजा कर माथे पर तिलक लगाकर स्कूल जाता था, जिसे देख अध्यापिका फरहाना खातून आपत्ति जताती थीं। देवांश ने आरोप लगाया कि एक दिन मैडम ने पहले तिलक मिटाया और फिर उसकी चोटी भी काट दी।
संयुक्त हिंदू मोर्चा के अध्यक्ष मनोज सैनी ने इस घटना को सीधे धार्मिक पहचान पर हमला बताते हुए शिक्षिका को “जिहादी मानसिकता की महिला” करार दिया। उन्होंने कहा कि अब तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग जिन्हें केवल वोट चाहिए, वे ही अब इस महिला के पक्ष में खड़े होकर पीड़ित को धमकी दे रहे हैं।”
संगठन ने मांग की कि देवांश की आगे की पढ़ाई एक अच्छे स्कूल में कराई जाए और उसका पूरा खर्च सरकार उठाए। साथ ही फरहाना खातून को बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाए।
शिवसेना महिला मोर्चा की ज़िला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं का गहरा अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कोई कठोर कार्रवाई नहीं की, तो वे अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन छेड़ेंगी।
छात्र देवांश ने बताया, “मैं रोज़ पूजा कर के तिलक लगाकर स्कूल जाता था। मैडम मुझे ऑफिस में बुलाकर तिलक मिटा देती थीं। फिर उन्होंने मुझे चोटी काटने को कहा और बाद में खुद मेरी चोटी काट दी।”
फिलहाल, मामले में प्रशासन की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लगातार बढ़ते सामाजिक और राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई की संभावना बढ़ती दिख रही है।