Wednesday, April 23, 2025

चुनाव दर चुनाव बढ़ती गई खर्च सीमा अब 40 लाख में बनेगा महापौर

मेरठ। 2012 में हुए निकाय चुनाव में हरिकांत अहलूवालिया 20 लाख और सुनीता वर्मा 25 लाख रुपये खर्च करके महापौर बने थे। जबकि इस बार निर्वाचन आयोग ने महापौर के लिए चुनाव में 40 लाख रुपये तक खर्च करने की सीमा तय की है।

आचार संहिता लगते ही निकाय चुनाव में महापौर, वार्ड पार्षद, नगर पालिका और नगर पंचायत के प्रत्याशी बनने की राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ गली-मोहल्लों में भी उठा-पटक शुरू हो गई है। वर्ष 2012 में 20 लाख खर्च करके हरिकांत अहलूवालिया और 2017 में 25 लाख रुपये खर्च कर सुनीता वर्मा महापौर बन गई थीं। निर्वाचन आयोग ने अबकी बार महापौर प्रत्याशी के लिए खर्च सीमा 30 लाख से 40 लाख रुपये और पार्षद प्रत्याशी के लिए दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दी है। इसके विपरीत चुनावी माहौल बता रहा है कि प्रत्याशी करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन ने संभावित प्रत्याशियों पर निगरानी के लिए गोपनीय टीम गठित कर दी है।

जिले में एक महापौर, दो नगर पालिकाएं और 13 नगर पंचायतों में चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। निकाय चुनाव में खर्च करने की धनराशि जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर पालिका, नगर पंचायत और शहर के वार्डों में संभावित प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र के साथ-साथ नगर निगम में भी दौड़ लगा रहे हैं। संभावित प्रत्याशी लाखों में तो कोई करोड़ों रुपये खर्च करने की बात कर रहे हैं।

[irp cats=”24”]

निर्वतमान महापौर सुनीता वर्मा ने सिर्फ 25 लाख रुपये निकाय चुनाव में खर्च करने का दावा किया है। वहीं, 2012 में भाजपा नेता हरिकांत अहलूवालिया ने भी सिर्फ 20 लाख रुपया खर्च कर महापौर का सेहरा बांधने की बात कही है। अबकी बार चुनाव आयोग ने महापौर के लिए 40 लाख और पार्षद के लिए तीन लाख खर्च राशि तय की है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय