मुजफ्फरनगर। जिले में बासमती धान की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए बासमती बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन मुजफ्फरनगर-मेरठ रोड स्थित विकास भवन सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने की, जिसमें बासमती धान उत्पादक किसान, एक्सपोर्टर, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए।
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कृषि उपनिदेशक संतोष यादव ने जानकारी दी कि इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य किसानों और बायर्स (खरीदारों) को एक मंच पर लाना है, ताकि वे सीधे संवाद कर सकें। किसानों को बासमती धान की उन्नत किस्में उगाने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे मुजफ्फरनगर का नाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में चमक सके।
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उन्होंने बताया कि यह बैठक इस दिशा में पहला प्रयास है, जिसमें किसानों को बताया गया कि किस मात्रा और गुणवत्ता में उन्हें उत्पादन करना होगा, और खरीदार उन्हें किस दर पर खरीदेंगे। आगे भी ऐसी मीटिंग्स आयोजित की जाएंगी ताकि बासमती के व्यापार को निर्यात स्तर तक पहुंचाया जा सके।
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कृषि उपनिदेशक ने बताया, “मुजफ्फरनगर की मिट्टी और जलवायु बासमती धान के लिए अनुकूल है। यहां के किसान गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर सकते हैं, जिससे बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर प्राप्त हो सकते हैं।” मीटिंग में 7–8 प्रमुख बासमती एक्सपोर्ट कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जो अच्छी क्वालिटी मिलने पर बायिंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बैठक में डॉ. रितेश शर्मा, संयुक्त निदेशक, बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मेरठ,सुरेंद्र कुमार (एग्रो इंडिया, ताराबड़ी करनाल),मधुसूदन भारद्वाज (Sapal Tech Corporation),पंकज कुमार (दयाल सीट्स एंड फर्टिलाइजर),सुधीर कुमार (चमन लाल सेठिया, करनाल),विनोद कुमार सैनी (ऑर्गेनिक FPO, सरधना),शिवम दौलत (राइस ग्रुप, संभल),अभिषेक कुमार (फॉर्चून) उपस्थित रहे।