हमीरपुर। जिले में तीन नगर पालिका व चार नगर पंचायतों में चेयरमैन के चार पद तो अनारक्षित हैं। वहीं तीन सीटें आरक्षित हैं। सामान्य सीटों पर तो कोई भी चुनावी किस्मत आजमा सकता है, वहीं आरक्षित सीटों पर भी सामान्य वर्ग के लोग अपने चहेतों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं। तो वहीं अनुसूचित जाति की महिला से शादी रचा चुके लोग भी इनके जरिए अध्यक्ष पद पर विजयी श्री पाने को बेताब हैं।
जनपद में तीन नगर पालिकाओं हमीरपुर, मौदहा एवं राठ तथा चार नगर पंचायतों कुरारा, सुमेरपुर, गोहांड व सरीला में निर्वाचन हो रहा है। जिले को 11 जोन और 27 सेक्टर में बांटा गया है। कुल 86 मतदान केंद्रों में 252 मतदान स्थल बनाए गए हैं। जिसमें 200328 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान 11 मई गुरुवार को व मतगणना 13 मई शनिवार को होगी। नगर पालिकाओं की अध्यक्ष पद की तीनों सीटें अनारक्षित हैं।
जबकि नगर पंचायतों में सुमेरपुर को छोड़ सरीला, गोहांड व कुरारा की अध्यक्ष पद की सीटें आरक्षित हैं। इन आरक्षित सीटों पर भी अध्यक्ष पद की लालसा सामान्य वर्ग के लोग संजोये हैं। सामान्य श्रेणी के कई दिग्गज चुनावी अरमान मिट्टी में नहीं मिलने देना चाहते हैं। ऐसे लोग हर हथकंडा अपनाते देखे जा रहे हैं। कुरारा कस्बे में एक व्यापारी अपनी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने के लिए बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्स लगवाकर प्रचार अभियान तेज कर चुका है। इस प्रत्याशी का समर्थन उनकी बिरादरी भी करती देखी जा रही है। प्रयास जारी हैं कि उसे किसी भी हाल में भाजपा से टिकट मिल जाए। ताकि चुनावी बैतरणी पार करने में आसानी हो।
हालांकि चुनावी गणितग्यों का मानना है कि कुरारा में व्यापारी वर्ग और अहिरवार बिरादरी का वोट सर्वाधिक है। नगर पंचायत में अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने पर इस व्यापारी की पत्नी को व्यापारियों के साथ दलित मतदाताओं का भी समर्थन मिल सकता है। यही हाल अन्य अन्य अध्यक्ष पदों की सीटों देखा जा रहा है। फिलहाल धीरे धीरे चुनावी अभियान परवान चढ़ता जा रहा है। अब देखना है कि दूसरे चरण में होने वाले चुनाव में आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दल किस प्रत्याशी को अपना सिंबल दे रहे हैं।