मुजफ्फरनगर। जिले में कचरा-पन्नी प्लास्टिक से 500 रुपया रोज का कारोबार करने वाले कबाड़ी की फर्म पर 366 करोड़ का लेनदेन कर लेने का मामला उस वक्त उजागर हुआ जब GST डिपार्टमेंट ने छापेमारी की। जिसके बाद 366 करोड़ के लेन-देन की बात सुनकर घबराए कबाड़ी ने विभाग के उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है।
दरअसल मुजफ्फरनगर के जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कव्वाल निवासी एजाज़ पुत्र जब्बार ने 2 वर्ष पूर्व आजाद इंटरप्राइजेज फर्म के नाम से कबाड़ी का काम शुरू किया था। ऐजाज़ गांव में प्रतिदिन 500 से 1000 रुपए का कबाड़ खरीद कर आगे सप्लाई करता था। कबाड़ी का काम नहीं चला तो ऐजाज़ ने उसे छोड़कर कपड़े की खरीद-फरोख्त शुरू की। लेकिन उसमें भी मुनाफा न होने पर कपड़े की फेरी करने के लिए ऐजाज़ दूसरे राज्यों में चला गया। कुछ दिन पहले वह कपड़े की फेरी से वापस लौटा तो रात के समय जीएसटी डिपार्टमेंट के बड़े अधिकारियों ने फ़ोर्स के साथ घर पर छापेमारी की।
GST डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारियों के मुताबिक जिस फर्म पर छापेमारी की गई थी, उससे 366 करोड़ के माल की बिक्री के ईवे बिल काटे गए। इनपुट टैक्स क्रेडिट की जड़ में जाने के लिए जीएसटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने गहराई से जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस मामले में कोई भी बड़ा अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
इस संबंध में 366 करोड़ का कारोबार करने के मामले में प्रकाश में आए कबाड़ी ऐजाज़ ने ज्वाइंट कमिश्नर GST को प्रार्थना पत्र देकर सारे मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि उसने कबाड़ी के कारोबार के लिए फर्म बनाई थी और जीएसटी नंबर लिया था। लेकिन उसका काम नहीं चला। जिसकी वजह से वह कपड़े की फेरी करने के लिए दूसरे राज्य में चला गया था। एजाज ने सारे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
GST ज्वाइंट कमिश्नर जेएसशुक्ला का कहना है कि विभागीय अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।