नोएडा। कुख्यात सरिया/स्क्रैप माफिया रवि काना के खिलाफ थाना बीटा-दो पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इस गैंग के 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अपराध के रास्ते अर्जित की गई इनकी संपत्ति का भी आकलन कर रही है। अभी 2 दिन पूर्व ही गैंगस्टर रवि काना के खिलाफ थाना सेक्टर-39 में सामुहिक बलात्कार का मुकदमा एक युवती ने दर्ज कराया था। बलात्कार के मामले मे इस गैग के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन मुख्य आरोपी रवि अभी भी फरार है। किसी समय सत्तासीन लोगों और अधिकारियों के आंखों का तारा रवि के दिन आजकल गर्दिश में चल रहे हैं। उसके खिलाफ नोएडा पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। कुछ दिन पूर्व भी थाना बिसरख में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी ने बताया कि थाना बीटा-दो के प्रभारी निरीक्षक मुनेंद्र सिंह ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर रवि नागर उर्फ रविंद्र सिंह उर्फ रवि काना पुत्र यतेंद्र निवासी ग्राम दादूपुर, राजकुमार नागर पुत्र बलराज निवासी ग्राम दादूपुर, तरुण छोकर पुत्र विजेंद्र निवासी गुड़गांव, अमन पुत्र राजेश, विशाल पुत्र वीरेंद्र, अवध उर्फ बिहारी उर्फ अमर सिंह पुत्र राजकुमार, महकी नागर उर्फ महकार पुत्र जगमाल नागर, अनिल पुत्र मंसाराम, विक्की पुत्र नानक चंद, अफसार पुत्र मकसूद अली, राशिद पुत्र शकील, आजाद नागर पुत्र धर्मवीर, प्रहलाद पुत्र अन्तराम, विकास नागर पुत्र सतपाल नागर, कुमारी काजल झा पुत्री सुनील कुमार तथा मधु पत्नी रवि नागर को गैंगस्टर एक्ट (उत्तर प्रदेश गिरोह बंद समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम) के तहत निरूद्ध किया है।
उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी को सूचना मिली थी कि इस गैंग के लोग अनुचित तरीके से आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरिया व स्क्रैप के व्यवसाय में लंबे समय से सक्रिय हैं। उक्त गैंग के सदस्यों द्वारा विभिन्न निर्माणाधीन साइटों पर जाने वाले सरिया के ट्रैकों को रोककर चालक से मिली भगत का सरिया उतरवा लिया जाता है, तथा रवि नागर द्वारा साइट के मैनेजर को डरा धमकाकर स्टॉक बुक में पूरा वजन अंकित करवा दिया जाता हैं। उतारे गए सरिया को बाजार भाव से व्यापारियों को बेचकर गैंग के लिए अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले स्क्रैप का ठेका भी उक्त गैंग द्वारा प्रतिष्ठान के मालिकों को डरा-धमकाकर मनचाही दर पर अपने गैंग के सदस्यों के लिए प्राप्त किया जाता है। जिससे व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आर्थिक नुकसान होता है ,और गैंग के सदस्यों को अनुचित आर्थिक लाभ मिलता है। अभियुक्त गैंग लीडर रवि नागर उर्फ रविंद्र सिंह उर्फ रवि काना एवं गैंग के अन्य सदस्य उपरोक्त द्वारा मनचाही दर से स्क्रैप टेंडर को अपनी कंपनी तथा अपने सहयोगियों की बेनामी कंपनी के नाम बाजार रेट का 1 से 10 प्रतिशत यानी अत्यंत न्यूनतम दर पर प्राप्त कर, टेंडर छीन लेते हैं, एवं दूसरी कंपनी के लोगों को टेंडर डालने से रोकते हैं। इसकी कंपनी प्राइम प्रेसिंग टूल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 3 वर्षों में 97 प्रतिशत की दर से अवैध तरीके से वृद्धि की है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल से प्राप्त इनपुट के अनुसार गैंग लीडर रवि नागर सरिया व स्क्रैप का कारोबार कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना गैंग के लिए कर रहा था। गैंग लीडर के बड़े भाई हरेंद्र प्रधान की हत्या सरिया के अवैध कारोबार के चलते सुंदर भाटी गैंग ने की थी। सुंदर भाटी के विरुद्ध अपने भाई के हत्याकांड में गवाह होने के कारण गैंग लीडर रवि नागर व इसके परिवार को सरकारी सुरक्षा मिली हुई थी। गैंग लीडर रवि नागर द्वारा जिला प्रशासन द्वारा दी गई सुरक्षा का दुरुपयोग करने के कारण उसकी सुरक्षा हटा ली गई है। रवि नागर इस गैंग का सरगना है। उन्होंने बताया कि रवि काना ने अपने गैंग के सभी सदस्यों का कार्य क्षेत्र में बंटवारा किया है। कोई भी सदस्य एक दूसरे के कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करता, लेकिन जो धन अवैध रूप से अर्जित किया जाता है, उसका एक बड़ा हिस्सा रवि के पास पहुंचता है। तथा अन्य हिस्सा सदस्य आपस में बांट लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस गैंग द्वारा डरा-धमकाकर सरिया/स्क्रैप की चोरी, लूट जैसे गंभीर अपराध भी पूर्व में कारित किया गया है।
–रवि काना के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई से परिचित सहमे-
रवि काना के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होने के बाद इससे जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि रवि काना ने सत्ताधारी कुछ नेताओं, उत्तर प्रदेश के कई बड़े पुलिस अधिकारियों और मीडिया से जुड़े कुछ लोगों का एक संगठित गिरोह बनाया है। ये अपने गैंग के अन्य लोगों के साथ-साथ इन लोगों का भी आर्थिक लाभ का ध्यान रखना है। सूत्र बताते हैं कि अगर इस मामले में ठीक से कार्रवाई हुई तो कई बड़े समाचार पत्रों के पत्रकार, पुलिस के अधिकारी और नेता कानून की गिरफ्त में आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ पत्रकारों ने पुलिस से रवि काना की साठगांठ कराने के नाम पर लाखों रुपया ले लिया है।
पूर्व में इसके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में रवि काना की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस बात को लेकर भी नोएडा पुलिस पर सवालिया निशान लगा हुआ है, जबकि दो दिन पूर्व थाना सेक्टर-39 में दर्ज हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में भी रवि काना फरार है। इससे जाहिर होता है कि पुलिस नोएडा पुलिस रवि काना को अभी तक अभयदान दे रही है। बताया जाता है कि गैंगस्टर रवि की भाभी बेबन नागर भाजपा नेता है, तथा उनके भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं से संबंध है। लोगों में चर्चा है कि इसी के चलते रवि के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज हो रहा है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है।