गाजियाबाद। दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत अब विवाह के एक महीने के अंदर दोनों पक्षों को विवाह में मिले उपहारों की सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी को सौंपनी होगी। महिला कल्याण उत्तर प्रदेश ने दहेज उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कुछ नए कदम उठाए हैं। इसके तहत प्रोबेशन अधिकारी को जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। अब सभी मैरेज हॉल, बैंक्वेट हॉल में इनका मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाएगा।
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि दहेज प्रतिषेध नियमावली धारा 10 में उल्लेख है कि विवाह के एक महीने के अंदर वर वधू भेंट सूची प्रस्तुत करनी होगी। जिले में होने वाले सभी विवाह जो पंजीकृत हो या अपंजीकृत उनके दोनों पक्षों को सूची बनाकर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के बाद यह सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
जल्द ही सभी विवाह स्थल और गेस्ट हाउस के बाहर इसका बोर्ड स्थापित कराया जाएगा जिसमें दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की आवश्यक जानकारियां होंगी और साथ में जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर भी अंकित होगा।