नोएडा। निठारी गांव की डी-5 कोठी के आसपास सोमवार सुबह तक सबकुछ सामान्य था। दोपहर दस बजे के बाद आए हाइकोर्ट के एक फैसले के बाद कोठी के आसपास लोगों और मीडिया का जमावड़ा हो गया। देश और दुनिया में तहलका मचाने वाला नोएडा का निठारी कांड एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, सोमवार को निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोहली की फांसी की सजा पर हाईकोर्ट इलाहाबाद ने रोक लगा दी है।
नोएडा का निठारी कांड, गांव निठारी में स्थित एक कोठी से जुड़ा हुआ है। इस काली कोठी में मासूम बच्चियों के साथ रेप और हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। रेप की वारदातों पर पर्दा डालने के लिए आरोपी ने मासूम बच्चियों की हत्या कर दी। यह मामला 2006 में तब खुला जब निठारी के नाले से नरकंकाल मिले थे। साल-2005 से 2006 के बीच हुए इस कांड ने दुनिया भर के लोगों को हिलाकर कर दिया था। दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे और आगे से बह रहे नाले में कंकाल मिले थे। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो कई बच्चों के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या की दर्दनाक कहानियां सामने आई थी।
मीडिया के जरिए मामले ने विश्व स्तरीय रूप धारण किया तथा इसकी जांच नोएडा पुलिस से हटकर सीबीआई को दी गई। निठारी गांव में उस समय सोनिया गांधी, मायावती, शिवपाल यादव तथा भाजपा के कई बड़े नेता पीड़ितों के दर्द बांटने के लिए आए। उन्होंने मीडिया में बयान दिया और अपने फर्ज को कथित रूप से अदा करके चले गए।
फैसला आते ही निठारी के उन परिवारों का दर्द फिर से ताजा हो गया जिन्होंने करीब डेढ़ दशक पहले अपने बेटे और बेटियों को खोया था। एक फैसले ने पीड़ित परिवारों को हैरान और परेशान कर दिया। उन्नाव की सुनीता और उनके पति आज भी निठारी गांव में कपड़े प्रेस कर जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी बेटी ज्योति भी 2006 में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई थी। बाद में उसकी चप्पल और कपड़े डी पांच कोठी के पीछे नाले में मिली थी। ज्योति की मां सुनीता का कहना है 19 साल पहले उनकी दस वर्षीय बेटी ज्योति दुपट्टा पिको कराने के लिए मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे वाली दुकान पर गई थी।
जब वह काफी देर तक नहीं लौटी तो सुनीता और उसके पति जब्बू लाल बेटी को तलाशने लगे। मोनिंदर और सुरेंद्र कोली कोठी के बाहर गेट पर खड़े थे। दोनों ने सुनीता को बताया कि उसने ज्योति को इधर से जाते हुए नहीं देखा है। शक के आधार पर ज्योति के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। सुनीता का दावा है कि थाने में दोंनो ने ज्योति की हत्या की बात कबूल की थी। सुनीता को आज भी आशंका है कि हैवानियत के बाद उनकी बेटी की हत्या की गई होगी। सुनीता के मुताबिक कुल 19 किशोर और किशोरियां उस दौरान गायब हुई थीं। ज्योति की मां ने फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए फिर से मामले की जांच करने की मांग की है। उन्होंने दोनों के फांसी की मांग भी की है।
सुनीता ने कहा पीएम मोदी और सीएम योगी से उन्हें अब भी न्याय की उम्मीद है। किशोरी के माता-पिता ने सीबीआई जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा संबंधित जांच एजेंसी ने न तो मामले की गंभीरता को समझा और न ही सही से जांच की। इसका पूरा फायदा आरोपियों को मिला। उन्होंने मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की है। वहीं ज्योति के पिता का कहना है कि बच्चों के लगातार गायब होने की जानकारी उन्हें मिल रही थी। पर जब अपनी बेटी गायब हुई तो दर्द का अहसास हुआ। बेटी को खोने का गम अंतिम सांस के साथ ही जाएगा।