लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में आगरा में औरंगजेब की याद में मुगल म्यूजियम बनाया जा रहा था। वहीं, हमारी सरकार उसी जनपद में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर भव्य म्यूजियम बनाकर उनकी स्मृतियों को सहेज रही है।
मुख्यमंत्री योगी दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को आयोजित हिंदी स्वराज स्थापना के 350वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी के कृतित्व व व्यक्तित्व व्याख्यानमाला में सम्मिलित हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि याद रखना छत्रपति शिवाजी महाराज के पीछे भी दो दिव्य दृष्टि थी। पहली माता जीजाबाई की और दूसरे समर्थ गुरु रामदास की। योग्य गुरु मिला तो शिवाजी महाराज मुगलों के छक्के छुड़ाते रहे। उन्होंने विदेशी हुकूमत की चूलें हिलाने का काम किया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने यह संदेश दिया था कि जो जिस भाषा में समझे उसको उसी भाषा में जवाब दिया जाए।
उन्होंने कहा कि हमारा संबंध मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता है। यही वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केंद्र सरकार ने भारतीय नौसेना का चिन्ह वही बनाया है जो छत्रपति शिवाजी महाराज का था।
सीएम योगी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का उत्तर प्रदेश से संबंध दो दृष्टि में बहुत मायने रखता है। पहला उनके राज्याभिषेक के लिए गए पुरोहित गंगा भट्ट थे, जो काशी से थे। दूसरा छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य को लेकर कानपुर में जन्म लेने वाले महाकवि भूषण द्वारा रचे गए पद्य हैं।
योगी ने कहा कि आज के भारत का मानचित्र राजनीतिक भारत का मानचित्र है। लेकिन, हजारों वर्ष पहले दुनिया के अंदर एक वृहत्तर सांस्कृतिक भारत था जिसे हमारे शास्त्रों ने मान्यता दी थी। वह आज भी हम सबका ध्यान आकर्षित करता है। जब किसी व्यक्ति का दृष्टिकोण राजनीतिक हो जाता हो तो वह अपनी संस्कृति को समझने में अक्सर भूल कर जाता है।