नई दिल्ली। सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कोरोना काल के दौरान अनुबंध पूरा नहीं कर पाने के कारण एमएसएमई की जब्त सुरक्षा जमा 95 फीसदी राशि वापस लौटने का आदेश जारी किया है।
मंत्रालय के व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को कोरोना काल के दौरान अनुबंध पूरा नहीं कर पाने के कारण एमएसएमई की जब्त सुरक्षा जमा राशि वापस लौटने का आदेश दिया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के मुताबिक एमएसएमई को 95 फीसदी रकम वापस की जाएगी। सरकार के इस फैसले से एमएसएमई को बड़ी राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए अपने भाषण में विवाद से विश्वास स्कीम के तहत एमएसएमई को ये राहत देने की घोषणा की थी। सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि कोराना काल के दौरान अनुबंध पूरा नहीं कर पाने की वजह से एमएसएमई की बोली के लिए जब्त रकम वापस की जाएगी। केंद्रीय बजट पेश होने के पांच दिन बाद ही वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों से एमएसएमई के जब्त रकम को वापस करने का आदेश जारी कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा था। इससे एमएसएमई भी प्रभावित हुआ। बीते दो साल में कोरोना महामारी के कारण एमएसएमई की कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राहत देने के लिए कई घोषणाएं की हैं।
प्रमुख घोषणाएं
-वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के जारी आदेश के मुताबिक एमएसएमई के जब्त किए गए 95 फीसदी निष्पादन सुरक्षा रकम को वापस किया जाएगा।
-19 फरवरी, 2020 से 31 मार्च, 2022 के बीच खुली निविदा के लिए जमा की गई बोली की रकम का 95 फीसदी हिस्सा एमएसएमई को लौटाया जाएगा।
– वसूले गए लिक्विडेटेड डैमेज (परिसमापन हर्जाना) की 95 फीसदी रकम वापस लौटाई जाएगी।
-कोरोना काल के दौरान अनुबंध का काम पूरा नहीं करने के चलते सरकारी काम करने पर लगाई गई रोक वापस ली जाएगी।
-एमएसएमई को लौटाई गई रकम पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। एमएएएमई को सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जेम) के जरिए राहत देने की प्रक्रिया को अलग से नोटिफाई किया जाएगा।