पटना। बिहार में मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के लालवारही में फुटबाल पुल का गर्डर बीते शुक्रवार देर शाम गिरने से अफरा-तफरी मच गई है। दो दिन पहले ही गर्डर के ढ़लाई का काम हुआ था। राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
गर्डर के लिए जो सेंट्रिंग बनाया गया था वह पानी के तेज बहाव में बह गया था। मामला गर्डर गिरने का है लेकिन कुछ लोगों ने यह अफवाह उड़ाई है कि पुल गिर गया है। मधेपुर के भूतही बालन नदी में अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से गर्डर के लिए जो केंद्र बनाया गया था वही पानी के तेज बहाव में बह गया है।
बिहार में आए दिन पुल के गिरने का मामला सामने आ रहा है। बिहार में बीते कुछ दिनों के अंतराल पर अररिया, सिवान, पूर्वी चंपारण,किशनगंज और अब मधुबनी में पुल गिरने की घटना सामने आई है।
किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया, जिसके बाद लोग विस्थापित हो गए थे और नीतीश सरकार से सवाल कर रहे थे। लोगों का कहना था कि नीतीश कुमार के राज में और बुरे पुल गिरेंगे। ’18 जून को अररिया के सिट्टी में बकरा नदी पर 12 करोड़ का एक पुल गिरने का मामला सामने आया था। जिसके 4 दिन बाद 22 जून को सिवान में दारौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर पुल गिर गया था। पुल गिरने की तीसरी घटना पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 23 जून को सामने आई। मोतिहारी के घोड़ोंसहन ब्लॉक में मानक पुल गिर गया था।
अब पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहा है। बिहार के किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया। दस दिनों के भीतर पुल गिरने की यह चौथी घटना थी जो किशनगंज में हुई है। जहां कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना पुल अचानक सूखने से इलाके में मॉक ड्रिल किया गया।