मेरठ। मेरठ नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना मानो आफत मोल लेना है। मुख्यालय ही नहीं, जोनल व्यवस्था भी ठप हो गई। पांच हजार से अधिक फार्म निगम में धूल फांक रहे हैं और लोग परेशान घूम रहे हैं। मंगलवार दोपहर निगम कार्यालय में लोगों ने फिर हंगामा किया।
सेना के जवान से मारपीट करने वाले तीन कर्मचारियों पर नगर निगम द्वारा कार्रवाई कर दी, लेकिन अभी उनकी जगह पर किसी की पोस्टिंग नहीं हुई। जिसके चलते व्यवस्था बिगड़ गई। अपर नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी दिनभर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने की व्यवस्था में लगे रहे।
नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी न होने की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी तीन दिन पहले नगर निगम परिसर में पहुंचे थे और निगम के अधिकारी-कर्मचारियों पर गुस्सा जाहिर किया था। जिस पर निगम अधिकारियों ने व्यवस्था सुधारने की बात कही थी, बावजूद तीन दिन बाद भी नतीजा शून्य है।
निगम ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए मुख्यालय के अलावा शास्त्रीनगर, कंकरखेड़ा में जोनल व्यवस्था चालू की थी। दोनों जोन पर आवेदन आने लगे, लेकिन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने में निगम पूरी तरफ फेल साबित हो गया। मुख्यालय और दोनों जोन में आवेदकों द्वारा लगातार आवेदन पत्र आने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
बताया गया कि नगर निगम में एक हजार से ऊपर फार्म अधूरे हैं, जिसका वेरीफिकेशन नहीं कराया गया। इसके अलावा कंकरखेड़ा और शास्त्रीनगर जोन में 800 से अधिक फार्म आ चुके, जिनकी निगम जांच भी नहीं कर पाया और वह धूल फांक रहे हैं। करीब 2500 फार्म एसडीएम सदर कार्यालय में हैं, जिनकी जांच निगम को करनी है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी न होने की समस्या बढ़ते देख अब लोग हंगामा करने लगे हैं।
दस दिन पहले सेना के जवान रामवीर सिंह के विरोध करने पर कर्मचारियों ने मारपीट कर दी थी। नगर आयुक्त ने कर्मचारी सलीम, राहुल अब्बासी को निलंबित और अस्थायी कर्मचारी हरीश कुमार की सेवा समाप्त कर दी थी। उनकी जगह पर किसी दूसरे कर्मचारियों की तैनाती नहीं की, जिसके चलते व्यवस्था लड़खड़ा गई।