वाराणसी। वाराणसी में पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक मामले में काफिले के सामने कूदने वाले युवक से सुरक्षा एजेंसियों ने कई घंटे तक पूछताछ की। पता चला है कि युवक का नाम कृष्णा गुप्ता है। वह गाजीपुर के जमानियां रोड का रहने वाला है। पिता का नाम भरत प्रसाद गुप्ता है। उनकी गाजीपुर के ही मिश्रबाजार में कोयले और प्लास्टिक की दुकान है।
सूत्रों के मुताबिक, कृष्णा गुप्ता पहले सेना में भर्ती की तैयारी करता था। वह कई बार सेना भर्ती में शामिल हुआ। एक भर्ती में उसका रिटेन सिलेक्शन हुआ। मगर मेडिकल में अनफिट कर दिया था। सैन्य मेडिकल टीम के इस निर्णय के खिलाफ कृष्णा कोर्ट चला गया था। वहां से मेडिकल की गाइडलाइन ले आया था। हालांकि, नौकरी नहीं मिली। वजह क्या थी? इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
पूछताछ में यह भी पता चला कि कृष्णा ने इन्वेस्टर समिट के दौरान लखनऊ में सीएम योगी और राजनाथ सिंह की फ्लीट रोकने की कोशिश की थी। फ्लीट की कार पर कागजी दस्तावेजों को गोले बनाकर फेंका था। यही नहीं, वह पहले भी सत्तापक्ष के नेताओं और मंत्रियों का घेराव भी कर चुका है। युवक की मंशा पीएम व अन्य नेताओं से मिलकर नौकरी की मांग करने की थी।
शनिवार शाम पीएम काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के समापन के बाद 6:40 मिनट पर रुद्राक्ष हाल से निकले। काफिला एयरपोर्ट की ओर रवाना होने लगा। पीएम को गेट नंबर-2 से जाता देखकर कृष्णा गुप्ता हाथ में एक फाइल लेकर कार की ओर दौड़ने लगा।
बैरिकेडिंग और गेट नंबर-1 पर सुरक्षाकर्मियों को धता बताते हुए गेट नंबर-2 के करीब पहुंच गया। पीएम की कार गेट से बाहर निकली तो वह 10-12 फीट की दूरी तक पहुंच गया। हालांकि, युवक को काफिले की तरफ दौड़ता देखकर पुलिसकर्मियों ने कुछ ही सेकंड में उसको दबोचकर वहां से हटा दिया। इससे पीएम का काफिला बिना रुके वहां से गुजर गया।