Friday, December 20, 2024

संसद में धक्का-मुक्की : भाजपा की मांग, राहुल गांधी के खिलाफ हो सख्त एक्शन

नई दिल्ली। संसद परिसर में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत को चोट लगी। दिल्ली के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इस घटना पर ओडिशा से भाजपा विधायक जयनारायण मिश्रा ने कहा है कि जो लोग संविधान की बात करते हैं, उन्होंने आज धक्का मारकर दिखा दिया कि उनके मन में संविधान के प्रति कितना सम्मान है। देश के चुने हुए प्रतिनिधियों से ऐसा व्यवहार अप्रत्याशित है। मैं लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करूंगा कि वह राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि विपक्ष का रवैया अराजकता पैदा करने और मर्यादा के सभी मानदंडों का उल्लंघन करने वाला हो गया है। सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी ने सांसद प्रताप चंद्र सारंगी के प्रति अनादर किया है। वह संत हैं और उनके प्रति ऐसा बर्ताव ठीक नहीं है। यह बहुत निंदनीय है। उनका सभी लोग सम्मान करते हैं। वास्तव में राहुल गांधी ने उन्हें नहीं सनातन को गिराया है। सांसद बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने कहा कि एस. फांगनोन कोन्याक पूर्वोत्तर क्षेत्र से चुनी गई एक सम्माननीय महिला सदस्य हैं। आज हुई घटना लोकतंत्र का अपमान है। एक निर्वाचित सांसद का अपमान है और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों का अपमान है। उन पर यह हमला पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों पर हमला है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संसद वह जगह है जहां देश की परंपराएं स्थापित होती हैं। अगर यहां गुंडागर्दी होगी तो इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आप अपनी बातों को मर्यादा में रहकर रख सकते हैं। धक्का-मुक्की करना ठीक नहीं है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दो सांसदों को धक्का दिया। दो सांसद अस्पताल में हैं। कांग्रेस किस तरह का गुंडाराज लाना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि हम इसे बर्दाश्त करेंगे या नहीं; सवाल यह है कि इस देश का कोई भी व्यक्ति इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इस देश में हर व्यक्ति और समुदाय को समानता और अधिकार संविधान से मिले हैं। हम अमित शाह और भाजपा से आग्रह करते हैं कि वे इस व्यवहार को गलत मानें। या तो माफी मांगें, या अगर आप वास्तव में संविधान को बनाए रखने में विश्वास करते हैं, तो हम अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हैं।

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