Friday, November 22, 2024

मेरठ में मां-बेटे के शव देखकर मचा चीत्कार, घरों में नहीं जले चूल्हे

मेरठ। बहसूमा से महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन जा रहे सीसीएसयू कर्मचारी धनप्रकाश की पत्नी अनीता, उनके बेटे संभव समेत चार रिश्तेदारों की सड़क हादसे में मौत हो गई। हरियाणा के मेवात में दिल्ली मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर गुरुवार को कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं।

 

बहसूमा के बसी मोहल्ले में दोपहर को चार लोगों की मौत की मनहूस खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। धनप्रकाश और उनकी मां तारावती बदहवास हो गईं। मां-बेटे सहित चार रिश्तेदारों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। मोहल्ले में चूल्हे तक नहीं जले। रात को मां-बेटे के शव पहुंचे तो हाहाकार मच गया। हर किसी की आंख नम हो गई।
अनुसूचित जाति समाज के धनप्रकाश रोजाना बहसूमा से ही विश्वविद्यालय जाते हैं। उनका इकलौता बेटा संभव मेरठ कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। हादसे की सूचना के बाद घर पर मौजूद संभव की दादी तारावती बेहोश हो गईं। कुछ होश आने पर वे बस यही कहती रहीं कि बहू अनीता और पोते संभव के बिना कैसे रहेंगे। अब घर कौन संभालेगा। तारावती की हालत देखकर मोहल्ले की महिलाओं की आंखें नम हो गईं। लोग यही कह रहे थे कि पूरा परिवार उजड़ गया।

 

धनप्रकाश की बहन पुष्पा के डौरली स्थित घर और ससुराल मोरटा में भी मातम पसरा रहा। रिश्तेदारों की समझ में ही नहीं आ रहा कि किसे ढांढस बंधाने कहां जाएं। रिश्तेदारों ने बताया कि पीयूष का अंतिम संस्कार मोरटा में किया जाएगा।
दीपांशु का डौरली और अनीता एवं संभव का अंतिम संस्कार बहसूमा में किया जाएगा। परिजन पोस्टमार्टम के बाद हरियाणा से शवों को लेकर मेरठ के लिए निकल गए हैं। धनप्रकाश की बेटी गुनी कस्बे के स्कूल में नौवीं की छात्रा है। धनप्रकाश सात भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। पोस्टमार्टम के बाद परिजन दोनों शवों को लेकर घर पहुंचे तो चीत्कार मच गया। पूरे मोहल्ले में मातम छाया रहा।

 

मां अस्पताल में, बेटे का शव घर में

 

दीपांशु का शव रात को डौरली पहुंचा। लोगों का कहना था कि परिवार पर कितना बड़ा मुसीबत का पहाड़ टूटा है। मां अस्पताल में और बेटे के शव घर में रखा है।

 

मेवातियों ने नम आंखों से किया विदा

 

पोस्टमार्टमम के बाद मेरठ के चार लोगों के शवों को मेवात के लोगों ने नम आंखों से विदा कर भिजवाया। हादसे के बारे में हाजी इलियास ने बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनकर वे मदरसे के बच्चों के साथ मौके पर पहुंचे तो 12 साल की बच्ची मामी-मामी चिल्ला रही थी। खून में लथपथ बच्ची को कई जगह चोट लगी थी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया।

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