नोएडा। उद्यमियों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के मकसद से नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम की अध्यक्षता उद्योग सहायक समिति की मंगलवार को बैठक हुई। बैठक के दौरान सीईओ ने कई समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया।
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में हुई उद्योग सहायक समिति की बैठक में उद्यमियों की संस्था नोएडा एन्ट्रेप्रिनियोर्स एसोसिएशन (एनईए) के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने उद्यमियों की प्राधिकरण से संबधित समस्याओं व सुझावों से सीईओ को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्राधिकरण के देयताओं का भुगतान न करने तथा इकाई में वाणिज्यक गतिविधि चलाने पर औद्योगिक भूखंडों को निरस्त कर दिया जाता है। प्राधिकरण की पालिसी अनुसार सीईओ को अधिकार है कि वे कैसिंल किए गये भूखंड स्वामियों से रेस्टोरेशन चार्ज लेकर उन्हें पुनः बहाल कर सकते हैं। जिन औद्यौगिक इकाईयों को प्राधिकरण द्वारा निरस्त कर दिया था, यदि उनके द्वारा अपनी इकाई को रि-स्टोर करवाने की प्राधिकरण की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है, तो उन्हें रि-स्टोर कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा उद्योगों में कामर्शियल गतिविधि चलाने पर धारा 10बी के नोटिस जारी जाते हैं। जिन्हंे वर्ष 2021 से पूर्व उद्यमी द्वारा कामर्शियल गतिविधि बंद कर भविष्य में कामर्शियल गतिविधि न चलाने का शपथ पत्र देने पर नोटिस वापिस् ले लिया जाता था। अब प्राधिकरण द्वारा ऐसे प्रकरणों के लिए कमेटी का गठन किया गया है जोकि उद्यमी द्वारा अपनी इकाई में कामर्शियल गतिविधि न करने का शपथ पत्र देने के साथ 1 प्रतिशत चार्जेज जमा करने तथा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा इकाई में जाकर सर्वे करने के पश्चात् भी ऐसे प्रकरण को पुनः कमेटी में रखे जाते हैं। अतः इस व्यवस्था को पूर्व की भाॅति ही रखा जाए तथा ऐसे प्रकरणांे का निस्तारण प्राधिकरण के औद्यौगिक विभाग के ओएसडी स्तर के अधिकारी द्वारा ही कराया जाए।
बैठक के दौरान एनईए अध्यक्ष ने कहा कि औद्यौगिक भवन के निर्माण के बाद अधिभोग प्रमाण-पत्र लेने के लिए आवेदन करने पर प्राधिकरण द्वारा 15 मीटर से ऊंचा भवन के निर्माण करने पर स्ट्रक्चरल आॅडिट के लिए 7 संस्थाओं को नामित किया है। नामित संस्थाओं द्वारा आडिट कराने में विलंब होता है। जिससे उद्यमी के ऊपर अनावश्यक व्यय पड़ता है। यह आदेश बिल्डरों (बहुमंजलीय इमारतों ) के लिए था पर प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा यह आदेश जबरदस्ती उद्योगों पर लागू किया जा रहा है। यह अनुचित है, इस प्रकरण को पूर्व की तरह आवश्यक दस्तावेज लेकर अधिभोग प्रमाण-पत्र जारी किया जाए। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा 242 उद्योग लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई। लेकिन सेक्टर-7 में विगत कई वर्षाें से शराब का ठेका चल रहा है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। बैठक के दौरान शहर में अतिक्रमण, गंदगी, जलभराव, बिजली सहित अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की गई।
उद्यमियों की समस्याएं सुनने के बाद नोएडा सीईओ ने कहा कि पालिसी से संबंधित जो मुद्दे हैं उनपर चर्चा कर उचित निर्णय जाएगा। जिनके द्वारा रि-स्टोर करने की औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है उनका रि-स्टोरेशन कर दिया जाएगा। सेक्टर-7 में चल रहे ठेके के बारे में उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि ठेका कैसे आवंटित किया गया, इसकी जांच की जाए। बैठक के दौरान एनईए के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वीकेसेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कोहली, धर्मवीर शर्मा, कोषाध्यक्ष शरद चन्द्र जैन, उपाध्यक्ष आरएम जिंदल, सचिव राजन खुराना, विरेन्द्र नरूला, राहुल नैययर, मयंक गुप्ता सहित अन्य मौजूद रहें।