नोएडा। सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक साइंसेस के छात्रों को फॉरेसिक विज्ञान में हो रही प्रगति की जानकारी देने के लिए आज यूएसए के यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हेवेन के हेनरी सी ली इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिंक सांइसेस के डा. हेनरी सी ली ने अपराध स्थल पर जांच में आधुनिक प्रगति विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर एमिटी विवि. की वाइस चांसलर डा. बलविंदर शुक्ला और एडिशनल प्रो. वाइस चांसलर डा. संजीव बंसल ने डा. हेनरी को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया। कार्यक्रम में ताइवान पुलिस कॉलेज के अपराधिक जांच विभाग के डा. जेफ गेंग-लेंग ली, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हेवेन की कंट्री हेड-इंटरनेशनल रंजना मैत्रा सहित अन्य मौजूद रहें।
कार्यक्रम के दौरान अपराध स्थल पर जांच में आधुनिक प्रगति विषय पर व्याख्यान देतेे हुए डा. हेनरी सी ली ने कहा कि प्रारंभिक दिनों में संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ कर अपराध की जड़ तक पहुंचा जाता था उन दिनों फॉरेसिंक विज्ञान का उपयोग कम था। वर्तमान में न्यायिक प्रणाली के विभिन्न क्षेत्रों जैसे अपराध की जांच, नागरिक विवाद, आमजन सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर अपराध, ऐतिहासिक महत्व सहित ग्राहक अधिकार की सुरक्षा, उत्पाद की सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व घरेलु आंतकवाद में भी फॉंरेसिक विज्ञान का उपयोग हो रहा है।
उन्होंने छात्रों से कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है इससे आप अन्य लोगों की संस्कृतियों की जानकारी रख सकते हैं। फॉंरेसिक विज्ञान, प्रबंधन से अलग होता है। संस्थान एवं समूह का प्रबंधन आसान है किंतु स्वयं का प्रबंधन कठिन है। डा हेनरी सी ली ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सीसीटीवी, जीपीएस विश्लेषण, संदिग्ध का प्रोफाइल, डेटा का विश्लेषण, डीएनए जेेनेटिक प्रोफाइल, अपराध स्थल का पुननिर्माण आदि भविष्य की जांच तकनीकी है, जिनका ज्ञान होना आवश्यक है। डा हेनरी ने कहा कि नये जांच की अवधारणा में उन्नत फॉरेसिंक तकनीकी, पीड़ित संदिग्ध या गवाह की जानकारी, सीसीटीवी, इलेक्ट्रोनिक मॉनिटरिंग, जीपीएस एनालिसिस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, बिग डाटा इर्न्फोमेशन एनालिसिस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि शामिल है।
उन्होंने छात्रांे से कहा कि जीवन में सफल होने के लिए अपने मस्तिष्क में ज्ञान रखे, अपने शरीर में साहस रखो, हदय में ईमानदारी रखो और जीवन में मित्र रखो। ताइवान पुलिस कॉलेज के अपराधिक जांच विभाग के डा. जेफ गेंग-लेंग ली ने फॉरेसिक विज्ञान में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि फोरेंसिक विज्ञान ने न्यायिक प्रणाली के कार्य को तेजी से निपटाया है जिसमें जांच और अधिक पारदर्शी हुई है। कार्यक्रम के दौरान डा डी के बंद्योपाध्याय, डा सुनिता रतन, डा बिस्वा प्रकाश नायक सहित अन्य उपस्थित रहें।