मेरठ। वायु प्रदूषण से पश्चिम यूपी के जिलों का बुरा हाल है। हालात ये हैं कि सड़कों पर वायु प्रदूषण की धुंध छाई हुई है और वाहन चालकों को सांस लेने और सड़कों पर चलने में परेशानी हो रही है। सोमवार को मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा का प्रदूषण स्तर 300 के ऊपर पहुंच गया। सबसे अधिक घातक वायु प्रदूषण मेरठ का रहा। मेरठ में अधिकांश जगहों पर एक्यूआई 300 के पार पाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मेरठ देश के 229 शहरों में सबसे अधिक प्रदूषित रहा। सोमवार को मेरठ का एक्यूआई बढ़कर 316 तक पहुंच गया। आज मंगलवार को भी सुबह वायु प्रदूषण 225 दर्ज किया गया है।
ठंड के साथ ही एनसीआर के जिलों की हवा बिगड़ने लगी है। मेरठ मंडल के सभी छह जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई घातक स्तर पर है। आने वाले समय में इसके और अधिक बढ़ने के आसार हैं। मेरठ के बाद प्रदूषण के मामले में दूसरे नंबर पर ग्रेटर नोएडा 285 और तीसरे नंबर पर 253 देश की राजधानी दिल्ली है। आने वाले दिनों कोहरा और धुंध बढ़ने के साथ स्थिति और अधिक खराब होने का अंदेशा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जताया है।
पर्यावरण विद नवीन प्रधान का कहना है कि वातावरण में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 10 और 2.5 का स्तर अमूमन अक्तूबर के महीने में बढ़ता है। नवंबर में यह पूरे चरम पर पहुंचा है। जब तापमान में गिरावट आती है तब हवा की गुणवत्ता को नियंत्रित करने की जरूरत होती है। पीएम 2.5 और पीएम 10 का बढ़ना स्वास्स्थ्य के लिए खतरनाक है। इसके छोटे-छोटे कण शरीर में पहुंचते हैं, जिससे शरीर को नुकसान पहुंचता है।
यूपी के टॉप 10 शहरों में प्रदूषण मेरठ एक्यूआई 310, गाजियबाद एक्यूआई 285, ग्रेटर नोएडा एक्यूआई 290, नोएडा एक्यूआई 290, दिल्ली एक्यूआई 250, बागपत एक्यूआई 225, मुजफ्फरनगर एक्यूआई 240, शामली एक्यूआई 215, हापुड़ एक्यूआई 190 और बुलंदशहर एक्यूआई 200 रहा है।