लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के बयान पर सियासत गरमा गई है। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिए मोदी और योगी को दोषी ठहराना सही नहीं है। बाबरी मजिस्द का ढांचा गिराये जाने के बाद भी भाजपा हार गई थी। कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि प्रभु श्री राम के नाम पर व्यापार और वोटों की राजनीति अगर किसी ने की है तो पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने की है।
भाजपा ने अपने सारे आंदोलन राजनीतिक लाभ और वोट के लिए किये। उन्होंने कहा कि राम के नाम का व्यापार करने वाले लोग पाप और श्राप के भागी बनेंगे। अधूरे मंदिर का उद्घाटन वोट बैंक के लिए किया गया। जनता को इस मुद्दे पर उकसाते और उलझाते रहे। अब जनता मुद्दों के लिए खड़ी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र में जो 29 लाख पद खाली हैं, जनता उस पर जवाब चाहती है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अग्नीपथ योजना, जातीय जनगणना समेत तमाम मुद्दों पर भाजपा की सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। जनता के सवालों का जवाब देना होगा, धर्म के नाम पर सियासत की दुकान बंद होने वाली है।
हिंदू-मुसलमान करना भाजपा की राजनीति का हिस्सा है, उमा भारती भी वही कर रही है। जनता ने इस बार मुद्दों पर वोट किया है। उमा भारती को देश की जनता को धर्म के साथ नही जोड़ना चाहिए, यह गलत है। नीट मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान को इस मामले में इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन वे विपक्ष को अराजक कह रहे हैं। अराजक तो वह हैं। उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया। आपने शिक्षण संस्थान में संघ शास्त्री बिठाए हैं, योग्य शिक्षक नहीं बिठाए। पूरा विपक्ष आपके साथ मिलकर समस्या का हल चाहता है, लेकिन आप निर्लज्ज बयानबाजी कर रहे हैं।