देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया में 19 जून को जनता दर्शन में जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह और सिविल कोर्ट बार एसाेसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी के बीच तकरार के बाद जिलाधिकारी के तबादले की मांग को लेकर अड़े वकीलों की हड़ताल के 18 वें दिन शनिवार को भी जारी रही और 18 जुलाई की यहां प्रदेश के वकीलों की महापंचायत होने जा रही है।
आज वकील सिविल कोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी और कलेक्ट्रेट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष संजय मिश्रा के नेतृत्व में हड़ताल के 18 वें दिन भी सैकड़ों की संख्या में वकील जिलाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तथा उनके तबादले की मांग को लेकर प्रदर्शन किये। इस दौरान वकील कचहरी चौराहे पर कुछ देर के प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रगट किये।
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी ने बताया कि आन्दोलन को और गति देने के लिए वकीलों की आम सभा की बैठक में तय किया गया है कि 18 जुलाई को देवरिया में यहाँ के जिलाधिकारी को यहां से हटाने के लिए वकीलों की महापंचायत कराने का निर्णय लिया गया है। जिसमें प्रदेश के करीब सभी बार के पदाधिकारी सामिल होंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी बार एसोसिएशनों को पत्र भेजा जा रहा है।
उधर वकीलों का गुस्सा देवरिया के जनप्रतिनिधियों पर भी फूटने लगा है। वकीलों का कहना है कि वकील 18 दिन से जिलाधिकारी को यहाँ हटाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से अपना आन्दोलन कर रहे हैं। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर अभीतक मौन साधे हुए हैं। वकीलों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों का इस मुद्दे पर मौन साधना सोचनीय विषय बनता जा रहा है और वकील जनप्रतिनिधियों को भी कोस रहे हैं।
देवरिया जिले में वकीलों की 18 दिन से चल रही लगातार हड़ताल से न्यायिक कार्य पूर्ण रूप से ठप हैं। हड़ताल के कारण जहां वादकारी निराश होकर कचहरी से बिना काम हुए वापस जाने को मजबूर हो रहे हैं और वहीं इस हड़ताल से राजस्व की भी हानि हो रही है। तमाम कैदी जो विभिन्न अपराधों के आरोप में जिला जेल में बंद हैं, उनकी जमानत आदि की सुनवाई इस हड़ताल के कारण नहीं हो पा रही है। इस हड़ताल के कारण जिलाधिकारी चेम्बर में लगने वाला जनता दर्शन का काम भी प्रभावित होता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि 19 जून को सिविल कोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी अन्य पदाधिकारियों के साथ जिले के बरहज तहसील क्षेत्र ग्राम पुरैना शुक्ल निवासी जय शिव शुक्ल जो अधिवक्ता हैं, के मामले में डीएम से जनता दर्शन में मिलने गये थे। अधिवक्ता शुक्ल का मानना था कि पीडब्ल्यूडी द्वारा उनकी जमीन के कुछ हिस्सों में सड़क का निर्माण करा दिया था।बताया जाता है कि इस मामले में अध्यक्ष गिरी द्वारा जिलाधिकारी से एक बार फिरसे उस जमीन की पैमाईश कराने की बात कही थी।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरी का कहना है कि फिर से जमीन की पैमाईश की बात सुनकर जिलाधिकारी भड़क गये और वकीलों को अमर्यादित तरीके से बालते हुए चेम्बर से बाहर जाने का निर्देश दे दिया था। जिला प्रशासन ने उसके बाद पीड़ित वकील जय शिव शुक्ला के जमीन निस्तारण करा दिया है लेकिन वकील जिलाधिकारी के अमर्यादित व्यवहार से आहत हैं और वे उनका यहां से तबादले की मांग लेकर हड़ताल पर हैं।