Thursday, May 16, 2024

बदायूं में महिला के शव की पोस्टमार्टम हाउस में कर दी थी दोनों आँखे गायब,दो डॉक्टर गिरफ्तार

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बदायूं- उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित पोस्टमार्टम हाउस में विगत दिनों विवाहिता के पोस्टमार्टम के पश्चात उसकी आंख गायब होने के मामले में आज थाना सिविल लाइंस पुलिस ने पोस्टमार्टम करने वाली टीम के दो प्रमुख डॉक्टरों को गिरफ्तारकर लिया।


पुलिस ने उनका मेडिकल परीक्षण करवाकर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया, जहां से अदालत ने दोनों डॉक्टरों को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है।

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उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी के आदेश पर कल पोस्टमार्टम करने वाली मेडिकल टीम के विरुद्ध मानव अंगो के प्रत्यार्पण अधिनियम की धारा 18 और शव को अपमानित करने की धारा 297 के तहत सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।


पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टर्स से कल थाने में पूछताछ भी की गई थी। मृतिका के भाई राजकुमार पुत्र गंगाचरण की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकद्दमा।डीएम के आदेश पर पैनल द्वारा विवाहिता के दोबारा पोस्टमार्टम में भी उसकी दोनों आंखे गायब पाई गई थीं।

दरअसल पूरा प्रकरण थाना मुजरिया क्षेत्र के रसूला गांव का था। यहां एक विवाहिता की दहेज के लिए ससुरालियों ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने सूचना के बाद शव का पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमॉर्टम के पश्चात मायके पक्ष को मृतका के शव को सौंपा गया था। पीड़ित राजकुमार और अन्य ग्रामीण मृतिका पूजा के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर गांव पहुंचे तो उनके होश उड गए। शव की दोनों आंखें गायब थीं। मामले की शिकायत डीएम से की गई। इसके बाद डीएम के निर्देश पर पैनल द्वारा दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया।

थाना सिविल लाइंस के प्रभारी निरीक्षक और मुकदमे के विवेचक गौरव बिश्नोई ने बताया कि प्रारंभिक विवेचना के दौरान दोषी पाए गए डॉक्टर मौहम्मद आरिफ और डॉक्टर मौहम्मद ओवेस को डीएम आवास रोड़ के निकट स्थित चौराहे के पास से आज दोपहर बाद गिरफ्तार किया गया। जहां से उनको जिला अस्पताल ले जाया गया और दोनों डॉक्टरों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। उसके पश्चात दोनों का रिमांड बना कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। जहां ट्रायल के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मोहम्मद साजिद द्वारा दोनों डॉक्टरों को जिला कारागार भेजने के आदेश किये गए। पुलिस द्वारा दोनों डॉक्टरों को जिला कारागार के दाखिल कर दिया गया।


जांच निरीक्षक ने बताया कि इस मामले में अग्रिम विवेचना जारी है। पोस्टमार्टम करने वाले कुछ और मेडिकल स्टाफ की भी संलिप्तता पाई गई है। शीघ्र उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।


जिलाधिकारी मनोज कुमार द्वारा गठित मजिस्ट्रेट जांच टीम के प्रमुख एडीएम प्रशासन बीके सिंह ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। इस मामले पर जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया किंतु कई बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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