ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जीटा-1 स्थित पूर्वांचल हाइट्स सोसायटी में कुंवारों की एंट्री पर रोक लगाने का मामला सामने आया है। सोसायटी के पूर्वांचल हाइट्स एसोसिएशन ऑफ फ्लैट अपार्टमेंट ओनर्स के सदस्य रचिन सक्सेना ने बताया कि सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय में सोसाइटी में रहने वाले कुछ कुंवारे व्यक्तियों की वजह से उपद्रव और अशांति की घटनाएँ सामने आई थीं, जिससे सोसाइटी के निवासियों की शांति भंग हो रही थी।
रहवासी सोसाइटी होने के कारण, इन समस्याओं को देखते हुए एसोसिएशन ने यह फैसला किया कि भविष्य में कुंवारों को फ्लैट नहीं दिए जाएंगे। हालांकि, इस तरह का फैसला विवादास्पद हो सकता है, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण माना जा सकता है और भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के खिलाफ भी हो सकता है। कुंवारों को उनके वैवाहिक दर्जे के आधार पर इस तरह से रोकना संवैधानिक मुद्दों और कानूनी विवादों को जन्म दे सकता है।
पूर्वांचल हाइट्स सोसायटी के फ्लैट अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के सदस्य रचिन सक्सेना ने बताया कि यह निर्णय कुंवारों के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से नहीं है, बल्कि यह सोसायटी में रहने वाले परिवारों और उनके बच्चों से लेकर बुजुर्गों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने बताया कि सोसायटी एक रिहायशी क्षेत्र है, जहाँ लोग अपने परिवार के साथ शांति और सुरक्षा के साथ रहना चाहते हैं। पिछले कुछ समय में कुंवारों द्वारा उपद्रव की कुछ घटनाएँ सामने आई थीं, जिनसे सोसाइटी की शांति भंग हो रही थी।
सक्सेना का कहना है कि सोसायटी में किसी भी निवासी को इस नए नियम से कोई समस्या नहीं है। उनका उद्देश्य सोसाइटी में सुरक्षा बनाए रखना है, न कि किसी व्यक्ति के वैवाहिक दर्जे के आधार पर भेदभाव करना। हालांकि, इस तरह के नियम कानूनी रूप से भेदभावपूर्ण और भारतीय कानूनों के तहत मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला भी बन सकता है।