नोएडा। फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर उससे बैंक लोन करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को भंगेल गांव से गिरफ्तार किया है। इनके पास से 6 लैपटॉप, 11 टैबलेट, एक वेब कैमरा, दो आई स्कैनर मशीन, दो बायोमेट्रिक मशीन, 6 फर्जी आधार कार्ड, एक सिलिकॉन का अंगूठा, भारी मात्रा में आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाने मे प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड, 8 फिंगर प्रिंट स्कैनर, थंब स्कैनर मशीन समेत अन्य सामान बरामद हुआ हैं।
आरोपी भंगेल में दफ्तर खोलकर व्यापक स्तर पर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे थे। आरोपी ज्यादातर उन लोगों को बैंक लोन दिलाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाते थे जिनका सिविल खराब होता था। नया आधार कार्ड तैयार कर उस पर ही नया पैन कार्ड बनवा लेते थे। फिर नए रेकार्ड पर बैंकों से लोन हो जाता था। आधार और पैन कार्ड फर्जी पते पर होते थे इसलिए ये बनवाने वाले लोन की देनदारी से भी दूरी बना लेते थे।
अपर पुलिस आयुक्त राजीव दीक्षित ने बताया कि आरोपियों की पहचान बिहार के वैशाली निवासी संजीत कुमार, अलीगढ़ निवासी जितेंद्र और आगरा निवासी आकाश के रूप में हुई है। तीनों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी बीते एक साल से भंगेल में रैकेट चला रहे थे और अब तक सैकड़ों फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह एक व्यक्ति के दो आधार कार्ड बनाते हैं। इसमें नाम,पते और जन्मतिथि में मामूली बदलाव किया जाता था। फर्जी आधार कार्ड के जरिये ही नए नाम का पैन कार्ड बनाया जाता था। इस दौरान किसी अन्य व्यक्ति की आंखों के रेटिना को स्कैन अथवा नाम में बदलाव कर वह दूसरा आधार कार्ड तैयार कर देते हैं।
आरोपियों के मुताबिक वह अधिकतर ऐसे लोगों के फर्जी आधार कार्ड बनाते थे जिनका बैंक सिबिल स्कोर खराब होता था। सिबिल स्कोर खराब होने की वजह से उन्हें बैंकों से लोन नहीं मिल पाता था। ऐसे लोग उन्हें मुंह मांगी रकम देकर फर्जी आधार कार्ड बनाकर बैंकों से लोन लेते थे।
अपर उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड बनाने का यूआईडी साइट पर एक्सेस फिरोजाबाद की एक बैंक से हासिल किया हुआ था। हाथ की उंगलियों की जगह पर पैर की उंगलियों के निशान लेकर व रेटिना मशीन को उल्टा कर प्रक्रिया पूरी करते थे। एक आधार कार्ड बनाने के लिए 5 से 10 हजार रुपये लेते थे। इसके अलावा पैन कार्ड का भी फर्जी आधार कार्ड पर आवेदन करवाते थे। सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से लोन लेने के इच्छुक लोगों से आरोपी संपर्क करते थे। कई जगहों पर आरोपियों ने एजेंट भी नियुक्ति किए हुए थे।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आए संजीत और जितेंद्र गिरोह के सरगना के साथ-साथ जन सेवा केंद्र के संचालक भी हैं। दोनों भंगेल स्थित जन सेवा केंद्र पर बैठकर फर्जीवाड़ा कर रहे थे। फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने में आरोपी जिस मशीन का इस्तेमाल करते थे उसे भारत में बैन किया जा चुका है। लोन और ग्राहक की क्षमता के अनुसार दस्तावेज का रेट तय किया जाता था। तीनों के कई साथियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरोह के दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपियों से किन-किन लोगों ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर लोन स्वीकृत कराया है,पुलिस इसकी भी जानकारी कर रही है।