मेरठ। उद्योगों को अब रेट्रोफिट किट के साथ 125 केवीएस तक डीजल जेनसेट चालने की सीएक्यूएम ने अनुमति दे दी है। हालांकि यह छूट सिर्फ 31 दिसंबर 2023 तक के लिए दी गई। उद्यमियों को इस छूट का लाभ लेने के लिए 1.5 लाख रुपये खर्च करने होंगे। प्रत्येक जेनसेट में रेट्रोफिट डिवाइस लगाना होगा। कमिश्नर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडज्वाइनिंग एरिया के सचिव अरविंद नोटियाल द्वारा यह आदेश जारी किया गया है।
चैंबर फॉर डेवलपमेंट एंड प्रमोशन ऑफ एमएसएमई के सचिव आशुतोष अग्रवाल ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में एलपीजी, प्रोपेन या ब्यूटेन पर काम न करने के लिए और डीजल जेनसेट के प्रदूषण को रोकने के लिए ईसीडी के साथ डीजल जनरेटर को चलाने की 31 दिसंबर 2023 तक की अनुमति दी है। जनरेटर में रेट्रोफिट किट लगानी होगी।
ध्यानचंद नगर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल पुुंडीर ने बताया कि उद्योगों में बीएस4 रेट्रोफिटेड जेनसेट लगे हुए हैं। 20 प्रतिशत लोगों को समस्या नहीं होगी। 80 प्रतिशत उद्योगों को यह किट लगवानी होगी।
लघु उद्योग भारती के राजकुमार शर्मा ने कहा कि विद्युत निगम दिसंबर से 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रहा है। ऐसे में उद्योगों को पूर्ण रूप से पाबंदी से मुक्त किया जाना चाहिए। बिजली के मुकाबले जनरेटर चार गुना महंगा पड़ता है। अगर बिजली आएगी तो कोई उद्यमी जनरेट नहीं चलाएगा।