भीलवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करने की जरुरत बताते हुए कहा है कि भारत दुनियां के हर मंच पर अपनी बात डंके की चोट कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता भी कम की जा रही हैं लेकिन हमें अपने संकल्प को सिद्ध कर भारत के प्रति दुनियां की उम्मीदों पर खरा उतरना है।
मोदी आज भीलवाड़ा जिले के आसींद के मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण दिवस पर आयोजित एक बड़ी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भगवान देवनारायण के संदेशों एवं शिक्षा को आगे बढ़ाने की जरुरत बताते हुए कहा कि गुर्जर समाज की नई पीढ़ी जो युवा हैं वे भगवान देवनारायण के संदेशों एवं शिक्षा को मजबूती के साथ आगे बढ़ाये। यह गुर्जर समाज को जहां सशक्त करेगा और देश को अगो बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि
21वीं सदी का यह कालखंड भारत और राजस्थान के विकास के लिए अह्म है। हमें एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनियां भारत की ओर बहुत ही उम्मीदों से देख रही है, भारत ने जिस तरह अपना दम-खम दिखाया है, इस शूरवीरों की धरती का भी गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। देश के खिलाफ जो बात है, उससे दूर रहना है और हमे संकल्प सिद्ध कर दुनियां की उम्मीदों पर खरा उतरना है।
प्रधानमंत्री ने कहा “मुझे विश्वास है कि भगवान देवनारायण के आर्शीवाद से हम सब जरुर सफल होंगे। सब मिलकर कड़ा परिश्रम करेंगे और सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त होकर रहेगी।
उन्होंने गुर्जर समाज की बहन-बेटियों ने संस्कृति की सेवा में दिए बड़े योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को वो सम्मान नहीं मिल पाया, जो उन्हें मिलना चाहिये था। उन्होंने कहा कि आज का नया भारत, बीते दशकों की उन भूलों को भी सुधार रहा है और जिसने भी भारत की संस्कृति को सशक्त और भारत के विकास में जिनका योगदान रहा है, उन्हें सामने लाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा “मैं देवनारायण भगवान से देश सेवा और गरीबों के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं।” उन्होंने देवनारायण जयंती की चर्चा करते हुये कहा कि यहां सप्ताह भर से भव्यता के साथ कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से तोडऩे के बहुत प्रयास हुए लेकिन कोई भी ताकत इसमें सफल नहीं हो पाई। हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भावना एवं सम्भावना अभिव्यक्ति है। इसलिए आज भारत एक वैभवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। भारत, अटल, अजर और अमर है। इसके पीछे हमारे समाज की शक्ति है। देश के हर व्यक्ति की शक्ति है। उन्होंन कहा कि समाज शक्ति की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है।
मोदी ने कहा कि समाज के भीतर से ही ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रकाश सभी को दिशा दिखाता है और सबका कल्याण करता है। भगवान देवनारायण ऐसे ऊर्जापुंज थे, अवतार थे जिन्होंने संस्कृति की रक्षा की और 31 वर्ष की आयु बिताकर जनमानस में अमर हो जाना बहुत महत्त्वपूर्ण बात है। मोदी ने कहा कि देवनारायण भगवान ने समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। समाज को एकजुट करने की दिशा में काम किया और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ आदर व्यवस्था कामय करने की दिशा में काम किया, इसलिये उनके प्रति हर वर्ग में आस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान देवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को सर्वोच्य प्राथमिकता दी है। उन्होंने सुख सुविधा छोड़कर सेवा और कल्याण का कठिन मार्ग चुना। अपनी ऊर्जा का उपयोग प्राणी मात्र के लिए किया। भला जी भला देव भला। उन्होंने कहा कि देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया, वो सबका साथ सबका भला, देश इसी रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि वंचितों को वरियता को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज गरीब को मुफ्त राशन मिल रहा है। चिकित्सा के लिए आयुष्मान योजना में मुफ्त इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बैंकों तक सभी की पहुंच नहीं थी लेकिन आज बैंकों के दरवाजे सभी के लिए खुल गये।
मोदी ने कहा कि पहले देश में तीन करोड़ परिवारों को ही नल से जल की सुविधा थी और सौलह करोड़ परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन पिछले साढे तीन साल में प्रयास किए गए और 11 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है। किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए व्यापक काम देश में हो रहा है। सिंचाई की पारंपरिक व्यवस्था, विकास एवं नई तकनीक से सिंचाई के हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकारी मदद के लिए तरसते थे, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मदद मिल रही है और राजस्थान में इसके तहत 15 हजार करोड़ से अधिक रुपए सीधे किसानों के खाते में भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि देश में पशुओं की बीमारियां थी। खुर पका और मुहं पका से मुक्त कराने के लिए बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। पशुओं के लिए कामधेनु आयोग बनाया गया। उन्होंने राजस्थान को एक प्रेरणा स्थली का साक्षी बताते हुए कहा कि गोगाजी से रामदेव, बप्पा रावल से महाराणा प्रताप, यहां के महापुरुषों और जननायकों ने देश को रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गुर्जर समाज ने राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा में अहम भूमिका निभाई और भूपसिंह गुर्जर जो विजयसिंह पथिक के नाम से जाने जाते हैं, उनके नेतृत्व में बिजौलियां का किसान आंदोलन किया गया।
कोतवाल धन सिंह और जोगरास सिंह ने देश के लिए बलिदान दे दिया। उन्होंने रामप्यारी और पन्नाधाय की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज की बहन-बेटियों ने संस्कृति की सेवा में बड़ा योगदान दिया है।
इससे पहले मोदी ने अपना संबोधन शुरु करते हुये देवनारायण भगवान और साढू माता का जयकारा लगाकर मालासेरी डूंगरी को प्रणाम किया। प्रधानमंत्री ने कहा “देवनायण भगवान के बुलावे पर मैं, यहां हाजिर हुआ हूं। यहां कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है। मैं, पूरे भक्तिभाव से आप ही की तरह एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं। यहां मुझे यज्ञ शाला में पूर्णाहूति देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिये यह भी सौभाग्य की बात है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को भगवान देवनारायण और आप सभी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। भगवान और जनता जनार्दन के दर्शन कर मैं, धन्य हो गया।”