Sunday, December 22, 2024

केंद्रशासित राज्यों में भी योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करें: तोमर

नयी दिल्ली। केंद्रशासित प्रदेशों में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में इन राज्यों की बैठक हुई।

तोमर ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी संकल्प शक्ति के साथ देश का चहुंमुखी विकास करने के लिए विभिन्न योजनाओं-कार्यक्रमों के माध्यम से गतिशीलता के साथ काम कर रहे हैं, केंद्र शासित प्रदेशों में भी इन योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, वहां के सभी किसानों को भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। प्रतिकूलता में अनुकूलता तलाश कर काम करना चाहिए।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्रशासित राज्यों का समुचित विकास सरकार का लक्ष्य है। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसीलिए सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में भी केंद्रीय मंत्री तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण दौरा करते हैं। सीमा पर बसा गांव अंतिम नहीं, बल्कि हमारे देश का पहला गांव होता है। यहीं मानकर उसके विकास को सुनिश्चित करने का काम हमें करना चाहिए। प्रधानमंत्री के इस आह्वान को राज्यों ने काफी गंभीरता से लिया है। अभी
कुछ दिन पहले वे लद्दाख गए थे, जहां सीमा से सटे गांव में पर्याप्त बिजली मिल रही है और जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल भी मिल रहा है। यह मोदी के दृढ़ संकल्प, व्यापक सोच का ही परिणाम है कि विकास की रोशनी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश और केंद्र सरकार एक-दूसरे के पूरक हैं। इन राज्यों में भी परस्पर संवाद और अनुकूलता के साथ कठिनाइयां हल करते हुए विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा कृषि क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण और व्यापक है, छोटे किसानों की संख्या भी अत्यधिक है लेकिन काम करने की पर्याप्त अनुकूलता भी है। केंद्र सरकार के पास योजनाओं और धन की कमी नहीं है, जरूरत है, योजनाओं के पूर्ण क्रियान्वयन की।

तोमर ने कहा कि सभी पात्र किसानों, पशुपालकों, मत्स्यपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि का लाभ मिलना चाहिए। पीएम किसान निधि के तहत अब तक करोड़ों किसानों को लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये उनके खातों में डाले गए हैं। उन्होंने कहा कि जो फसलें वहां होती हैं, वहीं उन्हें बढ़ावा दिया
जाएं, अन्य राज्यों के साथ ये प्रदेश भी विकास की प्रतिस्पर्धा में अग्रणी रहें। केंद्रशासित प्रदेशों के छोटे किसानों के
जीवन स्तर में भी बदलाव आना चाहिए।

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