मेरठ के लालकुर्ती में कई वर्षों पुरानी परंपरा लगातार चली आ रही है। इसी को लेकर इस बार भी मुहर्रम हर बार की तरह निकाला जा रहा है। लालकुर्ती में ऐतिहासिक मोहर्रम तीन दिन निकलता है। जिसे पव्वा, आधा, बोतल के रूप में जाना जाता है। इस बार लाल कुर्ती में थाना पुलिस के साथ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स भी लगाई गई है। पुलिस की निगरानी में मोहर्रम का जुलूस तीन दिन से निकाला जा रहा है।
थाना में एक बैठक मोहर्रम निकलने से पहले क्षेत्र के लोगों की हुई थी। जिसमें उन्होंने निर्णय लिया था कि मोहर्रम का त्योहार शांतिपूर्वक तरीके से मनाया जाएगा। सबसे बड़ी वजह मोहर्रम निकालने के समय लाइट का बड़ा रोल रहता है। जब ताजिया निकलती है उस समय बत्ती गुल कर दी जाती है। इस बार बीजेपी के लोगों ने पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग के लोगों से बात की मोहर्रम निकालने के समय बत्ती गुल नहीं होनी चाहिए क्योंकि गर्मी का मौसम है।
पुलिस ने मोहर्रम निकलने वाले से कहा कि अपनी मोहर्रम की चौकिया ज्यादा ऊंची ना करें। जिससे तारों में टकरा जाए और बिजली संकट ना बने। सही समय से निकलना के निर्देश दिए, लाल कुर्ती के मोहर्रम को दूर-दूर से लोग देखने के लिए आते हैं यह बड़े बाजार से शुरू होकर छोटा बाजार से होते हुए बेगमपुल, रोडवेज जली कोठी और उसके बाद दिल्ली रोड सोते हुए ईदगाह पहुंचता है,ताशों आदि की मातमी धुनों पर लोगों ने मातम कर गमे-इजहार किया करते हैं। मोहर्रम चौकियों को जगमग लाइट, झालर आदि से इसे सजाया जाता है।