मुंबई। दहिसर में पूर्व विधायक के पुत्र अभिषेक घोसालकर की हत्या मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से एक गैर लाइसेंसी पिस्तौल और जीवित गोलियां भी बरामद की हैं। शुक्रवार को इस मामले को एमएचबी पुलिस स्टेशन से मुंबई क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया गया है। इस मामले की आगे की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस कर रही है।
पुलिस उपायुक्त राजतिलक रौनक ने शुक्रवार को सुबह पत्रकारों को बताया कि इस मामले की छानबीन मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। मामले की छानबीन युद्ध स्तर पर चल रही है। इस मामले में घटनास्थल पर मौजूद मेहुल पारेख और रोहित शाहू उर्फ रावण को एमएचबी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मौके से गैर लाइसेंसी पिस्तौल और जीवित गोलियां भी बरामद की हैं। मामले की तकनीकी छानबीन भी की जा रही है।
दरअसल, गुरुवार शाम को दहिसर इलाके में सामाजिक कार्यकर्ता मोरिस नरोन्हा ने शिवसेना (यूबीटी) के उपनेता और पूर्व विधायक विनोद घोसालकर के बेटे पूर्व पार्षद अभिषेक घोसालकर को अपने कार्यालय में बुलाया। इन दोनों ने साथ ही फेसबुक लाइव किया, बाद में मोरिस नरोन्हा ने अभिषेक घोसालकर पर पांच गोलियां दाग दी। इस घटना में अभिषेक घोसालकर की करुणा अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद मोरिस नरोन्हा ने खुद गोली मारकर आत्महत्या कर लिया। अब तक की छानबीन में पता चला है कि मोरिस नरोन्हा ने इस घटना से पहले अपने परिवार को मुंबई से बाहर भेज दिया था।
इस घटना के संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि यह घटना बहुत ही वेदनादाई है। साथ में बैठकर बात हो रही है और इनमें से एक दूसरे पर गोली चला देता है। इस घटना के बाद गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा हुई है। इस तरह की घटना राज्य की छवि खराब करने वाली है। जांच चल रही है, बहुत जल्द इसकी तह तक हम पहुंचेंगे और कार्रवाई की जाएगी।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत ने बताया कि मोरिस नरोन्हा चार दिन पहले वर्षा बंगले पर जाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिला था। मुख्यमंत्री ने मोरिस नरोन्हा को उनकी पार्टी में आने के लिए आमंत्रित किया था। राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास ही गुंडों बदमाशों का अड्डा बन गया है, गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपराध रोकने में नाकारा साबित हो रहे हैं, इसलिए देवेंद्र फडणवीस को गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।