Sunday, April 28, 2024

नोएडा में विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों कोे ठगने वाले दो जालसाज गिरफ्तार

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नोएडा। विदेश भेजने के नाम पर ठगों ने कुशीनगर के दो बेरोजगार युवकों के साथ 70 हजार रुपये की ठगी कर ली। दोनों से वीजा और पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज बनवाने के नाम पर 35-35 हजार रुपये लिए गए। वीजा और पासपोर्ट नकली होने की जानकारी होने के बाद पीड़ितों ने मामले की शिकायत फेस-वन थाने में की।   मामले की जांच-पड़ताल में जुटी पुलिस ने आज दो शातिर ठगों को सेक्टर-3 से गिरफ्तार किया है। ठगों के पास से 02 पासपोर्ट, 02 वीजा, 01 एयर टिकट, 01 सीपीयू, 01 मॉनिटर, 01 प्रिन्टर, 02 मोबाईल फोन व तथा 60,500 रूपये नकद बरामद हुआ है।

थाना फेस वन के प्रभारी निरीक्षक ध्रुव भूषण दुबे ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में एक युवक ने आरोप लगाया था कि वह तथा उसका दोस्त शिवेंद्र प्रताप सिंह बेरोजगार होने के कारण विदेश में जाकर नौकरी करना चाहते थे। इसी दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखा। जिसमें वीजा और पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज बनवाने के नाम पर विदेश भेजने वालों की जानकारी हुई। विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल कर रवि और उसके दोस्तों ने अल्जीरिया जाने की बात कही। इसी क्रम में बीते आठ जुलाई को मयूर विहार के रविन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रवि उर्फ संतलाल साहनी पुत्र कामेश्वर तथा मोहित कुमार उर्फ लालू यादव उर्फ गुड्डू पुत्र रामगोपाल से उसके साथी की मुलाकात हुई।

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दोनों ने बिहार के पटना में फर्जी रूप से ऑफिस खोल रखा था। दोनों ने साक्षात्कार लिया तथा 24 जुलाई को सेक्टर तीन स्थित अपने ऑफिस बुलाकर दोनों से 35-35 हजार रुपये अल्जीरिया भेजने के लिए पासपोर्ट व टिकट के नाम पर ले लिए। बाद में पीड़ितों को पता चला कि वीजा और टिकट सब फर्जी हैं। दोनों जब आफिस पहुंचे तो देखा कि उस पर ताला लगा हुआ है। आसपास मिले लोगों को बताया कि उक्त लोगों ने उनके साथ भी धोखाधड़ी करके पैसा ठग लिया है।

यह भी पता चला है कि ये दोनों पहले भी काफी लोगों से धोखाधड़ी करके पैसा ठग चुके हैं। कई अन्य शहरों में भी आरोपी पूर्व में दफ्तर खोलकर ठगी कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे अपना ऑफिस एसआरके इन्टरनेशनल के नाम से सेक्टर-3 नोएडा पर चलाते थे तथा विदेशों में नौकरी लगवाने के नाम पर कम्यूटर से एडिट/स्कैन करके फर्जी वीजा व अन्य कागजात तैयार करते है। नौकरी के नाम पर वे प्रति व्यक्ति 40 से 65 हजार रूपये लेते थे।

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