गाजियाबाद/लखनऊ। आवास एवं विकास परिषद के व्यावसायिक भूखंड का आवंटन करने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी गाजियाबाद संपत्ति कार्यालय के दो अफसरों पर गाज गिरी है। इनमें एक सहायक लेखाधिकारी एवं संपत्ति प्रबंधक शामिल हैं। अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने सहायक लेखाधिकारी राजकुमार को निलंबित एवं संपत्ति अधिकारी आनंद कुमार गौतम को उनके पद से हटा दिया है।
राजकुमार को गाजियाबाद एवं संपत्ति प्रबंधक को मुख्यालय लखनऊ में संबद्ध किया गया है। पूरे मामले पर जांच बैठ गई, जिसकी कमान मेरठ जोन के जोनल आयुक्त को सौंपी गई है। गाजियाबाद निर्माण खंड दो अधिशासी अभियंता को दोनों अफसरों के आरोप पत्र तैयार करने का जिम्मा दिया गया है। सचिव ने यह कार्रवाई गत शुक्रवार को वीडियो क्लिप के आधार पर की। वीडियो में सहायक लेखाधिकारी के द्वारा सिद्धार्थ विहार योजना में व्यावसायिक भूखंड का आवंटन करने के लिए 50 लाख रुपये की घूस मांगी जा रही है।
इस मामले की वीडियो क्लिप सहित आयुक्त डॉ. बलकार सिंह से शिकायत की गई थी। आयुक्त ने मुख्यालय के अफसरों की उपस्थित में वीडियो को देखा तो सहायक लेखाधिकारी राजकुमार एवं संपत्ति प्रबंधक आनंद कुमार गौतम की पहचान हुई। वहीं, मामले में आनंद प्रकाश गौतम का कहना है कि कुछ दिन पहले कुछ लोग मिलने आए थे लेकिन हमने कहा कुछ और बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर आरोप लगाए गए हैं। जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा।
मामले की जांच के लिए आवास आयुक्त ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जांच कमेटी में मेरठ जोन के जोनल आयुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है। इसके साथ ही निर्माण खंड दो के अधिशासी अभियंता को संपत्ति विभाग के प्रबंधक के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने के लिए नामित नामित किया गया है।