ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में दो और नामी विश्वविद्यालय खुलने के आसार बन गए हैं। राजस्थान के माधव गोविंद विश्वविद्यालय और नोएडा के जेएसएस विश्वविद्यालय ने ग्रेटर नोएडा में विश्वविद्यालय खोलने के प्रति रुचि दिखाई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दोनों विश्वविद्यालयों को जमीन चिन्हित कर दिखाया है। उनको जमीन पसंद भी आ गई है।
अगर दोनों विश्वविद्यालयों को जमीन आवंटित हुई तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगभग 550 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होगी। औद्योगिक निवेश के प्रमुख केंद्र के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा की पहचान शिक्षा के हब के रूप में भी है। देश-विदेश से छात्र-छात्राएं यहां शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य बना रहे हैं। यहां कई नामी विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान चल रहे हैं।
इसी कड़ी में दो और विश्वविद्यालयों के नाम भी जल्द जुड़ने जा रहे हैं। नोएडा के जेएसएस विश्वविद्यालय और राजस्थान के माधव गोविंद विश्वविद्यालय ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से विश्वविद्यालय बनाने के लिए जमीन की मांग की है। दोनों शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से मिले।
सीईओ ने उन्हें जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। सीईओ के निर्देश पर संस्थागत विभाग के विभागाध्यक्ष संतोष कुमार ने दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों को टेकजोन टू में 28 एकड़ और टेकजोन में स्टेलर आईटी पार्क के पास 33 एकड़ के भूखंड दिखा दिए हैं।
ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि दोनों संस्थानों के प्रबंधन को भूखंड पसंद भी आए हैं। दोनों विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने शीघ्र ही औपचारिक प्रस्ताव के साथ प्राधिकरण आने की बात कही है। अगर दोनों संस्थाएं ग्रेटर नोएडा में विश्वविद्यालय बनाने के लिए जमीन खरीदती हैं तो प्राधिकरण को इससे 550 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होगी। साथ ही विश्वविद्यालय बनने पर बड़े पैमाने पर निवेश भी होगा। छात्रों को दो नए और आधुनिक विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा। साथ ही तमाम लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।