उन्नाव। जनपद में बुधवार को एक युवक ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगाकर जान देने का प्रयास किया। झुलसी हालत में युवक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुकदमे में दो आरोपितों के नाम जांच के दौरान हटाने और उनकी गिरफ्तारी न होने से आहत होने पर युवक ने यह कदम उठाया है।
पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव में रहने वाले श्रीचंद्र ने 18 अक्टूबर को एक मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि पड़ोस में रहने वाले अनीस, सबीफ़ मुमताज, सबीर, मुनीर ओर मुमताज की पत्नी ने उसे और परिवार को लाठी-डंडों से मारापीटा। जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। थाना में मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जांच क्षेत्राधिकारी पुरवा कर रहे थे।
जांच में नामजदगी गलत पाए जाने पर जांच अधिकारी ने दो आरोपितों के नाम हटा दिए। नवम्बर माह में चार्जसीट लगाते हुए न्यायालय में दाखिल कराया। वादी का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के नाम हटा दिया और उनकी गिरफ्तारी तक नहीं की गयी।
इसी से आहत होकर वह बुधवार दोपहर एसपी ऑफिस के दूसरे गेट से कंबल लपेटकर परिसर में पहुंचा गया। अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली। युवक को जलते देख कार्यालय मौजूद एएसपी अखिलेश सिंह, सीओ सिटी आशुतोष कुमार समेत अन्य पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया। मौजूद दमकल की कर्मियों ने कंबल डालकर किसी तरह से आग को बुझाया। गंभीर रूप से झुलसे युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत बेहद नाजुक बताई है।
फिलहाल घटना को लेकर पुलिस के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं। सूचना पर आईजी रेंज भी घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस को मामले की गहनता से छानबीन कर पीड़ित को हर संभव न्याय दिलाने के निर्देश दिए हैं।