नोएडा। नोएडा प्राधिकरण द्वारा म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट की प्रोसेसिंग के लिए दो प्लांट लगाए जाएंगे। इसमें प्रत्येक की क्षमता 40 टन प्रतिदिन की है। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. इन दोनों प्लांट का अनुमोदन किया है। जानकारी के मुताबिक, प्रोसेसिंग प्लांट में रोजाना 25 टन गीले कूडे़ से गैस व खाद निर्मित किया जाएगा। रोजाना 15 टन सूखे कूडे़ को पृथक करके वैज्ञानिक पद्धति से पुनः उपयोगी बनाया जाएगा।
इससे नोएडा क्षेत्र से निकलने वाले प्रतिदिन 80 टन कूडे़ का म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट को वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारित किया जाएगा। समस्त सामग्री पुनः उपयोगी बनाई जाएगी। इस प्लांट को चयनित एजेंसी द्वारा अपने व्यय से ही स्थापित किया जाएगा। नोएडा क्षेत्र से नगरीय कूडे़ म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट को एकत्रित कर अपने व्यय से ही प्लांट पर ही प्रोसेसिंग किया जाएगा। चयनित एजेंसी द्वारा विभिन्न भवनों, स्थानों से कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज लिया जाएगा और प्रोसेसिंग से प्राप्त उत्पादों को बेचकर राजस्व प्राप्त किया जाएगा। इस राजस्व का आंशिक भाग नोएडा प्राधिकरण को दिया जाएगा।
उक्त प्लांट के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा कोई व्यय नहीं किया जाएगा। प्लांट 15 वर्षों के लिए लगाया जाएगा। कार्य संतोषजनक पाए जाने पर तीन साल के लिए एग्रीमेंट बढ़ा दिया जाएगा। एग्रीमेंट की अवधि में नोएडा प्राधिकरण निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगा। अनुबंध समाप्ति के पश्चात एजेंसी द्वारा नोएडा प्राधिकरण को उक्त भूमि वापस की जाएगी। नोएडा में रोजाना कई हजार टन कचरा निकलता है, जिसकी प्रोसेसिंग के लिए अभी सिर्फ एकमात्र प्लांट चल रहा है। लगातार ऐसे प्लांट की संख्या बढ़ाने के लिए प्राधिकरण प्रयास कर रहा है।